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उर्दू 'माशूका' और हिंदी 'बीवी' की तरह : सचिन पिलगांवकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मशहूर अभिनेता सचिव पिलगांवक ने कहा कि उर्दू माशूका और हिंदी बीवी की तरह हैं। सचिन ‘उर्दू-ए-अदब आणि संगीताची रसभरी महफिल गुलिस्तानें गजल’ के कार्यक्रम में शिरकत कर संवाद कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि उर्दू मेरी जबान है, उर्दू मेरी जिस्म और जान हैै। उनका साथ अमित वाईकर ने दिया। कार्यक्रम डॉ. विनय वाईकर की याद में आयोजित किया गया । संगीत प्रेमी कार्यक्रम में झूमते दिखाई दिए। इस दौरान उन्हें श्रद्धाजंलि देने के बाद उनकी चुनिंदा गजलें प्रस्तुत की गई। अभिनेता सचिन की पहली फिल्म ‘बालिका वधू’ थी। सचिन को पहचान मिली राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘गीत गाता चल’ से। राजश्री की ही दो फिल्मों ‘अंखियों के झरोंखे’ से और ‘नदिया के पार’ के लिए आज भी सचिन को याद किया जाता है। ‘नदिया के पार’ उनकी सबसे बड़ी फिल्मों में गिनी जाती है।
उर्दू के बड़े जानकार हैं सचिन : अभिनेता सचिन उर्दू के बड़े जानकार हैं और शायर भी हैं। वे मुशायरों में शामिल होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि गजल लजीज है और उर्दू के तो कहने ही क्या। कार्यक्रम में उन्होंने उर्दू और गजलों पर बात की। सचिन से संवाद अमित वाईकर ने किया। इस मौके पर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज शायरों व गीतकारों के बारे में बात की। लता जी और सचिन देव बर्मन के संबंधों पर बात की। शुरुआत हुई अमीर खुसरो से। वहीं उन्होंने कहा कि आज के दौर में अल्फाजों को अब अहमियत नहीं दी जाती, उन्हें इसका मलाल है।
गजलों ने बांधा समां : सचिन ने अपनी जिंदगी के बारे में कहा कि उनके माता-पिता गायक थे, सबसे पहले उन्होंने अपने पिता को गीत सुनाया था। उनके पैरेंटस स्टेज पर गाते थे। उन्होंने पहला स्टेज परफार्मेंस पहली बार अमेरिका में दिया था। आज के दौर में लोग शायरी से मिसबिहेब करने लगे हैं। फौज से आए लोगों के बारे में उन्होंने कहा कि उनका दिल बहुत बड़ा होता है। कार्यक्रम में गजल गायक अनिरुद्ध जोशी ने ‘मैं हवा हूं...’ गाया। वहीं रसिका जोशी ने भी गजल सुनाईं। चुपके-चुपके रात दिन गाया अनिरुद्ध ने।

Created On :   26 Dec 2017 3:25 PM IST