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लक्ष्य से पीछे चल रही है आदिवासी घरकुल योजना, 30 सितंबर तक शुरु रहेगी चारा छावनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के शबरी आदिवासी घरकुल योजना के तहत मंजूर किए घरों के निर्माण की गति धीमी नजर आ रहा है। शबरी आदिवासी घरकुल योजना के तहत साल 2016-17 में 24 हजार 281 घर मंजूर किए गए थे। लेकिन अभी तक केवल 21 हजार 570 घरों का निर्माण हो सका है। जबकि 2017-18 में स्वीकृत किए गए 12 हजार 110 घरों में से फिलहाल 7 हजार 307 घरों का निर्माण काम पुरा हो सका है। वहीं साल 2018-19 में 9 हजार 827 घर बनाने के लिए मंजूरी दी गई है। इसमें से अभी तक केवल 2 हजार 75 घरों का निर्माण काम हुआ है। राज्य सरकार के आदिवासी विकास विभाग से यह जानकारी मिली है। घरों का निर्माण काम पूरा नहीं होने को लेकर प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके ने कहा कि शबरी आदिवासी घरकुल योजना के माध्यम से मंजूर किए गए घरों का निर्माण चल रहा है। जल्द ही निर्माण काम पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश के आदिवासी उपाय योजना अंतर्गत आने वाले आदिवासी जिले और आदिवासी बाह्य क्षेत्र के जिलों के अनुसूचित जनजाति के पात्र लाभार्थियों को घर बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सामान्य क्षेत्रों के लिए 1.20 लाख रुपए दिए जाते हैं जबकि नक्सल प्रभावित तथा पहाड़ी क्षेत्रों में घर बनाने के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार की ओर से लाभार्थियों को घर बनाने के लिए तीन चरणों में निधि उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना में आदिवासी समाज की पारधी और आदिम जनजाति को आवास के लिए प्राथमिकता दी जाती है।
30 सितंबर तक शुरु रहेगी चारा छावनी, 31 अगस्त को समाप्त हो रही थी अवधि
वहीं सूखा प्रभावित इलाकों की चारा छावनी 30 सितंबर तक शुरू करने की अनुमति दी गई है। जानवरों के लिए चारा छावनी शुरू रखने की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही थी। लेकिन राज्य सरकार ने अब एक महीने की समयावधि बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य में मानसून की देरी के कारण कई जिलों में अब भी संतोषजनक बारिश नहीं हुई है। इससे जानवरों के लिए चारा उपलब्ध होने में अभी कुछ समय लगेगा। इसके मद्देनजर 28 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल ने चारा छावनी की अवधि बढ़ाने के लिए मंजूरी दी थी। शुक्रवार को सरकार के राजस्व विभाग की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। साल 2018 में सूखे की भयंकर स्थिति के बाद सरकार ने चारा छावनी शुरू करने को मंजूरी दी थी। इससे पहले चारा छावनी शुरू रखने की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर कांग्रेस के प्रचार समिति के प्रमुख नाना पटोले ने 1 सितंबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महाजनादेश यात्रा रोकने की धमकी दी थी। पटोले ने कहा कि पोला किसानों का सबसे बड़ा त्यौहार होता है लेकिन दुर्भाग्य से मराठवाड़ा के किसानों पर चारा छावनियों में पोला त्यौहार मनाने की नौबत आई है।
Created On :   30 Aug 2019 8:02 PM IST