आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर जताया कृषि कानून का विरोध - बैलगाड़ी व पैदल मार्च कर पहुंचे कलेक्ट्रेट, सौंपा ज्ञापन

Adivasi society protests against the agricultural law on the road - Collectorate reached by marching bullock cart
आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर जताया कृषि कानून का विरोध - बैलगाड़ी व पैदल मार्च कर पहुंचे कलेक्ट्रेट, सौंपा ज्ञापन
आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर जताया कृषि कानून का विरोध - बैलगाड़ी व पैदल मार्च कर पहुंचे कलेक्ट्रेट, सौंपा ज्ञापन

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के बैनर तले आदिवासी समाज मंगलवार को सड़क पर उतर आया। बड़ी संख्या में पीला गमछा एवं पीला झण्डा लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने किसान आंदोलन के समर्थन में रैली निकाली। वहीं बढ़ते पेट्रोल व डीजल के दाम को लेकर दशहरा मैदान से बैलगाड़ी पर सवार होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। रैली में हजारों आदिवासी पैदल मार्च कर रहे थे। केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून को वापस लेने के साथ ही आठ सूत्रीय मांगपत्र राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपा गया। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने ज्ञापन प्राप्त किया। दशहरा मैदान से निकाली गई रैली ने शहर के प्रमुख मार्गों से होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। जिसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस का बंदोवस्त किया गया था।
रैली का नेतृत्व गोंडवाना समाज के शिवदयाल वर्मा, इन्द्रभान शाह उइके, झमकलाल सरयाम, कृष्ण कुमार बर्डे, रामचरण भारती, केवलराम परतेती, सीएल इवनाती, दिलीप बेलवंशी, शशिकला उइके, सुगमलता धुर्वे, वासुदेव कुमरे एवं पवन सरयाम सहित एक दो दर्जन क्षेत्रीय नेताओं ने किया।
ये है आठ सूत्रीय मांगें
गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन की आठ सूत्रीय मांगों में तीनों कृषि कानून वापस लेने। मक्का का समर्थन मूल्य 1850 किया जाए। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस एवं खाद्य तेलों के बढ़ते दाम पर रोक लगाई जाए। तेजी से बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए शासकीय सेवाओं की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए। कन्हान नदी पर प्रस्तावित ङ्क्षसचाई काम्पलेक्स योजना का रद्द किया जाए। आगामी जनगणना में अलग से आदिवासी वर्ग कोड किए जाने की मांग को शामिल किया गया है।
 

Created On :   20 Jan 2021 5:47 PM IST

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