घरों से निकले गंदे पानी को शुद्ध कर बेचने की तैयारी में प्रशासन

Administration is planning to sell the waste water of the house
घरों से निकले गंदे पानी को शुद्ध कर बेचने की तैयारी में प्रशासन
घरों से निकले गंदे पानी को शुद्ध कर बेचने की तैयारी में प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के गंदे पानी का संशोधन कर शहर को प्रदूषण व नाग नदी को दूषित होने से रोकने के उपाय में नागपुर महानगरपालिका जुट गई है। इसके लिए पावर फाइनेंस कारपोरेशन ने 192.79 करोड़ की आर्थिक सहायता भी मंजूर कर दी है। इससे इस कार्य को गति मिलेगी। जानकारी के अनुसार, मनपा भांडेवाड़ी में पीपीपी आधार पर नागपुर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के सहयोग से 200 एमएलडी दूषित जल संशोधन यंत्र लगा रही है। यह परियोजना 2020 तक कार्यरत हो जाएगी।

निजी कंपनी इस प्लांट को पूरा बनाएगी और रख-रखाव भी यही निजी कंपनी करेगी। उस समय उसे रख-रखाव के खर्च के साथ किश्त में परियोजना को पूर्ण करने में खर्च हुई राशि का भुगतान किया जाएगा, जो 30 वर्षों तक चलेगा। इससे मनपा को एक ओर जहां आय बढ़ेगी दूसरी ओर शहर व नाग नदी का प्रदूषण घटेगा।

ऐसी है योजना
सूत्रों के अनुसार, मनपा ने 200 एमएलडी में से 150 एमएलडी संशोधित जल का करार भी कर लिया है। महाजेनको के साथ हुए इस करार में से 100 एमएलडी पानी कोराड़ी बिजलीघर को तथा 50 एमएलडी पानी खापरखेड़ा को दिया जाएगा। इसे पहुंचाने के लिए प्लांट से पाइप लाइन डाली जाएगी। इसके खर्च के साथ महाजेनको को पानी 19 रुपए प्रति हजार लीटर के साथ देने का करार किया गया है। इससे अब यह परियोजना का पूरा निवेश निकल जाएगा। शेष जल के लिए एनटीपीसी मौदा से भी बातचीत जारी है। यदि वहां भी बात बनी तो प्लांट की क्षमता को बढ़ाकर 250 एमएलडी किया जा सकेगा और 100 एमएलडी पानी एनटीपीसी मौदा को दिया जाएगा, जो लाभ में परिवर्तित होगा। 

फिलहाल नागनदी का कार्य नहीं हुआ शुरू
उल्लेखनीय है कि नागनदी का कायाकल्प करने की तैयारी प्रशासन ने काफी पहले दर्शाई थी। इस बीच स्मार्ट सिटी की दौड़ में कई नए प्रोजेक्ट आए और उसे साकार करने प्रशासन जुट गया। इधर नागनदी आज भी गंदगी लिए चल रही है। लोगों को इस नदी के कायाकल्प का बेसब्री से इंतजार है।
 

Created On :   26 July 2018 8:53 AM GMT

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