फायर बिग्रेड कालेज में एडमिशन घोटाला, 350 प्रशिक्षणार्थियों को दिया अवैध एडमिशन, फर्जी प्रमाणपत्र से हासिल की नौकरियां

Admission scam in fire brigade college, 350 bogus admission found
फायर बिग्रेड कालेज में एडमिशन घोटाला, 350 प्रशिक्षणार्थियों को दिया अवैध एडमिशन, फर्जी प्रमाणपत्र से हासिल की नौकरियां
फायर बिग्रेड कालेज में एडमिशन घोटाला, 350 प्रशिक्षणार्थियों को दिया अवैध एडमिशन, फर्जी प्रमाणपत्र से हासिल की नौकरियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राजनगर स्थित राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय में प्रवेश घोटाला उजागर हुआ है। यहां पर 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों द्वारा फर्जी कंपनियों के दस्तावेज देकर प्रवेश लेने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। इस प्रकरण में मानकापुर पुलिस ने विद्यार्थियों सहित आठ कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 से 2016 के दरमियान यह प्रवेश फर्जीवाड़ा किया गया। महाविद्यालय के संचालक गुरुदेवसिंह डलजीतसिंह सैनी की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार अनिल कुमार  हरियाणा, बिहार की  जूट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, पोषी हायड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नेशनल शुगर एंड केमिकल लिमिटेड, भारत हायड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान इलेक्ट्रॉनिक एंड इक्विपमेंट लिमिटेड, टेकनेक कॉम्बो मेटेनेंस लिमिटेड व राजस्थान में पैसिफिक इंडिया प्रायवेट लिमिटेड आदि कंपनियों पर मामला दर्ज किया गया है। महाविद्यालय में देशभर के प्रशिक्षणार्थियों को अग्निशमन व आपत्ति व्यवस्थापन (प्रबंधन)  का प्रशिक्षण दिया जाता है। कंपनियों द्वारा भेजे गए प्रशिक्षणार्थियों को यहां पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

6 महीने के प्रशिक्षण के बाद उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाता है। इस प्रमाण पत्र के आधार पर प्रशिक्षणार्थियों को कंपनी में नौकरी मिलती है। बिहार, हरियाणा व राजस्थान की कंपनी के नाम व प्रमाण पत्राें का उपयोग कर वर्ष 2012 से 2016 के दरमियान 350 प्रशिक्षणार्थियों ने महाविद्यालय में प्रशिक्षण लिया। इसमें से कई प्रशिक्षणार्थियों को कंपनी में नौकरी मिल गई। जिन-जिन कंपनियों के नाम पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। दरअसल वह कंपनियां ही अस्तित्व में नहीं हैं। 

यह जानकारी भाजपा नेता  व पूर्व महापौर कल्पना पांडे को मिली। केंद्रीय गृहमंत्रालय में इसकी शिकायत की गई है। इस प्रकरण की जांच के आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिया है। उसके बाद जांच समिति बनाई गई। समिति ने दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान पता चला कि उक्त नाम की कोई कंपनियां ही नहीं हैं। समिति ने जांच की रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेज दी।  उसके बाद  गृहमंत्रालय ने सैनी को पुलिस थाने में शिकायत करने के निर्देश दिया। सैनी की शिकायत पर मानकापुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
 

Created On :   5 Jun 2019 5:38 AM GMT

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