सेहत से खिलवाड़: बिक रही मिलावटी मिठाई ,जांच के नाम पर खानापूर्ति

Adulterated sweets are available in markets
सेहत से खिलवाड़: बिक रही मिलावटी मिठाई ,जांच के नाम पर खानापूर्ति
सेहत से खिलवाड़: बिक रही मिलावटी मिठाई ,जांच के नाम पर खानापूर्ति

डिजिटल डेस्क,नागपुर। दीपावली के लिए मिठाइयां और नमकीन बनाने का काम जैसे-जैसे दिन पास आ रहे हैं जोरों से चल रहा है। जिले में मिठाइयां और नमकीन बेचने वालों की संख्या 20 हजार 800 है। इन दुकानों की जांच-पड़ताल करने की जिम्मेदारी खाद्य व औषधि विभाग की है। विभाग के पास केवल 10 लोगों की टीम है। इनमें से 5 शहरी और 5 ग्रामीण क्षेत्रों में जांच करते हैं।

1अक्टूबर से जांच अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक मिठाई के केवल 17 नमूने लिए गए हैं। ये नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। जब तक इन सैम्पल की रिपोर्ट आएगी, तब तक दीपावली खत्म हो चुकी होगी। ऐसे में मिठाई की मिठास पर्व में कड़वाहट घोलने का काम कर सकती है। 

खाद्य और औषधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 45 लाख की आबादी वाले नागपुर में केवल 2600 दुकानें लाइसेंसधारी और 3200 दुकानें पजीकृत हैं। इनके अलावा 15 हजार से अधिक दुकानें बिना लाइसेंस या पंजीकरण के चल रही हैं।। कुल मिलाकर 20 हजार 800 दुकानों की जांच के लिए विभाग के पास केवल 10 लोगों की टीम है। इनमें से 5 शहरी क्षेत्र और 5 ग्रामीण क्षेत्रों में जांच-पड़ताल करते हैं। दीपावली के अवसर पर खाद्य सामग्री, मिठाई व नमकीनों में होने वाली मिलावट, उनकी गुणवत्ता आदि की जांच-पड़ताल के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
  
3 घंटे में मिलता एक नमूना

विभाग के एक अधिकारी के अनुसार किसी भी दुकान में जाकर नमूना लेना आसान काम नहीं होता है। एक दुकान से नमूना लेने की प्रक्रिया पूरी करने में 3 घंटे लगते हैं। उन्होंने बताया कि छोटी या बड़ी दुकानों में नमूना लेने जाने पर पहले तो वहां मूल मालिक ही नहीं होता है। मालिक को बुलाने से लेकर मिठाई बनाने तक सारी सामग्रियों को देखना, समझना, नमूना इकठ्ठा करने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। 

केवल 50 दुकानों की होगी जांच 

 3 अक्टूबर से जांच अभियान शुरू हो चुका है। इस दौरान मिठाइयों के केवल 17 नमूने ही जांच के लिए लिए जा सके हैं। काम के 6 दिनों में औसत 3 नमूने रोज लिए गए हैं।     विभाग हर दिन काम करेगा तब जाकर 30 दुकानों तक वह पहुंच पाएगा। यह आश्चर्य की बात है कि 20 हजार 800 दुकानों में 50 दुकानों की ही जांच हो सकेगी। शेष 20 हजार 750 दुकानों तक जांच टीम पहुंच ही नहीं पाएगी। सूत्रों के अनुसार पिछले साल दीपावली से महीनाभर पहले करीब 80 दुकानों की जांच की गई थी। विभाग को कुछ सैंपल फेल मिले थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। माल जब्ती के अलावा नकदी जुर्माने के रूप में 2.50 लाख रुपए से अधिक राशि वसूली गई थी।  

सर्वाधिक मिलावट मावे में

मिठाई बनाने में सबसे ज्यादा मावा का इस्तेमाल किया जाता है। मावे की अधिक खपत को देखते हुए कुछ दुकानदार इसमें अधिकाधिक मिलावट करते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि मांग के अनुसार मावा नहीं मिलता। इसलिए इसमें आलू और तेल मिलाकर उसे बढ़ा दिया जाता है। कुछ लोग मावे में आरारोट और ज्वार का आटा मिला देते हैं। दो दिन पहले 7 अक्टूबर को अन्न व औषधि विभाग ने 3 प्रतिष्ठानों की जांच की थी। इस दौरान विभाग को दूध व दुग्धजन्य पदार्थों को देखकर संदेह हुआ था। खरबी रोड की एक दुकान से 558 किलो कूंदा (दुग्धजन्य पदार्थ) कीमत 1.27 लाख, त्रिमूर्तिनगर से 449 किलो दही कीमत 15 हजार और धंतोली से 288 किलो क्रीम कीमत 1.04 लाख जब्त किया गया। सूत्रों ने बताया इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है।

Created On :   13 Oct 2017 6:46 PM IST

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