सीएम की सलाह : नुक्सान से बचने कृषि विभाग की सलाह से ही करें बुवाई, भरपुर मात्रा में उपलब्ध हैं खाद-बीज 

Advice of CM : To avoid losses, Sowing on suggestion of Agriculture department
सीएम की सलाह : नुक्सान से बचने कृषि विभाग की सलाह से ही करें बुवाई, भरपुर मात्रा में उपलब्ध हैं खाद-बीज 
सीएम की सलाह : नुक्सान से बचने कृषि विभाग की सलाह से ही करें बुवाई, भरपुर मात्रा में उपलब्ध हैं खाद-बीज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस साल खरीफ की फसल के लिए जरूरत से ज्यादा बीज और खाद की खेप उपलब्ध है। बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को समय पर और जरूरी कर्ज उपलब्ध कराएं। दुबारा बुवाई टालने के लिए किसान मौसम अनुमान के मुताबिक कृषि विभाग की सलाह से बुवाई करें। इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को 5 करोड़ एसएमएस भेजे गए हैं। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने इस साल राज्य में सामान्य बारसात का अनुमान लगाया है साथ ही खरीफ की अच्छी फसल के लिए सरकारी मशीनरी भी पूरी तरह तैयार है। शुक्रवार को बांद्रा स्थित रंगशारदा में खरीफ की समीक्षा बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ कृषिमंत्री चंद्रकांत पाटील, शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन समेत विभिन्न मंत्री और बड़े अधिकारी मौजूद थे।   

विदर्भ में 92 से 108 फीसदी बारिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक इस साल विदर्भ में 92 से 108 फीसदी तक बारिश का अनुमान है। इसके अलावा कोकण और मध्य महाराष्ट्र में 93 से 107 फीसदी, मराठवाडा में 90 से 111 फीसदी बारिश का अनुमान है। पूरे देश में इस साल करीब 96 फीसदी बारिश का अनुमान है। जून महीने में सामान्य से थोड़ा कम बारिश का अनुमान है इसलिए किसानों  को बुआई थोड़ी देर से करने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एम किसान मोबाइल संदेश सेवा के जरिए किसानों को खेती से जुड़ी सलाह दी जाती है। पिछले साल किसानों को इसके माध्यम से 40 करोड़ संदेश भेजे गए थे जबकि इस साल तीन दिनों में 5 करोड़ संदेश भेजे जा चुके हैं। 

कम बारिश फिर भी फसल अच्छी

राज्य में 151 लाख हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की बुआई होती है। इसमें से करीब 55 से 60 फीसदी जमीन पर कपास और सोयाबीन की खेती होती है। पिछले साल राज्य में औसत 73 फीसदी बरसात हुई जबकि मराठवाडा में कई जगहों पर 38-40 फीसदी ही बरसात हुई। इसके बावजूद कपास का उत्पादन 17 फीसदी बढ़ा और सोयाबीन के उत्पादन में भी इजाफा हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2012-13 में 90 फीसदी बारिश के बावजूद 128 मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हुआ था, साल 2014-15 में 70 फीसदी बारिश के बाद 82 लाख मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हुआ जबकि पिछले साल 73 फीसदी बारिश में ही अनाज का उत्पादन 115 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने किसानों की फसल बीमा से जुड़ी समस्याएं दूर करने का भी आश्वासन दिया है।   

कृषि क्षेत्र में भारी निवेश

राज्य में जलयुक्त शिवार अभियान में 8 हजार 900 करोड़ रुपए, जलसिंचाई परियोजना के लिए 34 हजार करोड़ रुपए, मांगने पर तालाब योजना के तहत 539 करोड़ रुपए, खेत पगडंडी के लिए 1 हजार 105 करोड़ रूपए, सूक्ष्म सिंचाई अभियान के लिए 2 हजार 719 करोड़, एकात्मिक फलोत्पादक विकास अभियान के लिए 648 करोड़, किसान कर्जमाफी के लिए 18 हजार 457 करोड़ रुपए, नैसर्गिक आपत्ति में मदद के लिए 14 हजार 125 करोड़ रुपए, कृषि यांत्रिकीकरण के लिए 883 करोड़ रुपए, बीज वितरण कार्यक्रम के लिए 204 करोड़ रुपए, न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुताबिक खरीदारी के लिए 8 हजार 336 करोड़ रूपए, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 2 हजार 897 करोड़ रुपए, फसल बीमा नुकसान भरपाई के तौर पर 16 हजार 778 करोड़ रुपए निवेश किए गए हैं। 

Created On :   7 Jun 2019 8:46 PM IST

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