एडवोकेट आनंद जायस्वाल हो सकते हैं VCA के अगले अध्यक्ष

Advocate Anand Jaiswal may be the next president of VCA
एडवोकेट आनंद जायस्वाल हो सकते हैं VCA के अगले अध्यक्ष
एडवोकेट आनंद जायस्वाल हो सकते हैं VCA के अगले अध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन में अध्यक्ष के रूप में लगभग दो वर्ष सफलता के साथ पूरा करने वाले एड. आनंद जायस्वाल अगले अध्यक्ष हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार 30 दिसंबर को होने वाले चुनाव को लेकर शनिवार को अहम बैठक हुई है, जिसमें एड. जायस्वाल के नाम को अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में फाइनल कर लिया गया। हालांकि अन्य पदों पर कौन-कौन चुनाव लड़ रहे हैं, इसका पता नहीं चल पाया है। चूंकि इस बार कार्यकारिणी में केवल छह सदस्यों के लिए ही चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सभी जानकारी देने से बचते रहे।

इसलिए परेशानी
लोढ़ा समिति की सिफारिश और उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अब हर एसोसिएशन की कार्यकारिणी में केवल छह सदस्य ही होंगे। इसके चलते वीसीए में उम्मीदवार के चयन में काफी परेशानी हो रही है। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए एड. जायस्वाल का नाम फाइनल हो गया है। वीसीए के चुनाव के दौरान आपसी तालमेल के साथ उम्मीदवार तय किए जाते हैं। ऐसे कम ही अवसर आए, जब आजीवन सदस्यों को वोट डालने का मौका मिला है। 

"कूलिंग ऑफ" का समाधान तलाशना टेढ़ीखीर
विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ने लोढ़ा की सिफारिशों को सबसे पहले अपनाया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश और बीसीसीआई के नए संविधान को भी लागू करने में वीसीए ने बिल्कुल भी देरी नहीं की। नए संविधान के अनुसार "कूलिंग ऑफ समय" और "कार्यकारिणी की सदस्य संख्या" किसी भी राज्य क्रिकेट संघ के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कूलिंग ऑफ और कार्यकारिणी सदस्य संख्या में तालमेल एक बड़ी कसरत बनकर उभरी है। बात अगर वीसीए की करें, तो इसके एक वर्ग में यह सोच है कि मौजूदा कार्यकारिणी के सबसे काबिल छह सदस्यों को अगर दोबारा मौका दिया गया, तब इन सभी को अगले चुनाव के दौरान "कूलिंग ऑफ" में जाना पड़ेगा और सब नए सदस्य वीसीए की कार्यकारिणी में चुनकर आएंगे। ऐसे में अनुभव की कमी से विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए इस बात पर विचार किया जा रहा है कि मौजूदा कार्यकारिणी के कुछ सदस्यों को ब्रेक देकर उन्हें अगली कार्यकारिणी चुनाव के लिए फ्रेश रखा जाए।

अद्वैत का इंतजार हुआ लंबा
वीसीए की गतिविधियों में दबदबा रखने वाले मनोहर परिवार की तीसरी पीढ़ी के अद्वैत के अध्यक्ष बनने का इंतजार लगभग लंबा हो गया। हालांकि उनके पास इस पद पर निर्वाचित होने के लिए काफी समय बचा है, लेकिन मौजूदा कार्यकारिणी के "ऑन फील्ड" प्रदर्शन ने दुविधा पैदा कर दी है। एड. जायस्वाल की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी के दौरान विदर्भ रणजी चैंपियन बना। अंडर-19 की दो राष्ट्रीय ट्रॉफी कूच बिहार और वीनू मांकड़ का स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा वीसीए अंडर-16 आयु वर्ग में भी चैंपियन बना। विदर्भ की खिताबी जीत के पीछे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर व वीसीए उपाध्यक्ष प्रशांत वैद्य का अहम योगदान रहा है। अब सवाल यह है कि अगर प्रशांत वैद्य को इस वर्ष "कूलिंग ऑफ" में डाल दिया गया, तब तीन वर्ष बाद होने वाले कार्यकारिणी चुनाव में उनके और अद्वैत मनोहर में चयन का मामला सामने आ जाएंगे। सूत्र के अनुसार, नामांकन पत्र खरीद लिए गए हैं और नामांकन के आवेदन आने के बाद में स्थिति साफ हो पाएगी।

Created On :   23 Dec 2018 3:02 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story