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सरकार का आदेश: मनमानी हड़ताल नहीं कर सकेंगे अधिवक्ता, HC से लेनी होगी अनुमति
![Advocates cannot go on strike without permission of High Court Advocates cannot go on strike without permission of High Court](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/02/advocates-cannot-go-on-strike-without-permission-of-high-court_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अब अधिवक्ताओं के संबंध में कड़ा आदेश जारी किया है। जारी आदेश के मुताबिक अधिवक्ता अब हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। हड़ताल पर जाने से पूर्व उनको हाई कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार ने यह फैसला हड़ताल के दौरान प्रभावित होने वाले काम काजों को देखते हुए लिया है।
अक्सर चले जाते थे हड़ताल पर
जानकारी के अनुसार अधिवक्ता छोटी-छोटी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाते थे, इसके साथ ही हड़ताल पर जाने की धमकियां भी दिया करते थे, जिससे न्यायालय का काम पूरी तरह ठप हो जाता था। इसके साथ ही स्वयं के हितों को साधने के लिए भी अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल की जाती थी, जिसके कारण पीड़ित पक्षों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता था। बताया जाता है कि अधिकांश बार देखा गया है कि अधिवक्ता अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए भी हड़ताल पर जाते थे। संबंधित मामलों की लगातार हो रही शिकायतों को लेकर भी यह निर्णय लिया जाना बताया जा रहा है।
दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई
बताया जाता है कि यदि जो अधिवक्ता बगैर सूचना के हड़ताल पर जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की गाज गिर सकती है, इसके साथ ही यदि जांच के बाद अधिवक्ता दोषी पाए जाते हैं, तो वे कोर्ट में पैरवी नहीं कर सकेंगे। यह प्रदेश के समस्त न्यायालयों के लिए जारी किया गया है।
एडवोकेट एक्ट में संशोधन
जानकारी के अनुसार मप्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश अधिवक्ता अपनी मर्जी के अनुसार हड़ताल व धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट से अनुमति लेना आवश्यक होगी। बताया जाता है कि नोटिफिकेशन मध्यप्रदेश की समस्त खंडपीठों, जिला न्यायालयों को भेजा गया है। सरकार ने एडवोकेट एक्ट 1961 में संशोधन पश्चात दिया है। इसके अलावा प्रदेश व्यापी हड़ताल के लिए चीफ जस्टिस से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। जिला स्तर होने वाली हड़ताल के लिए जिला न्यायाधीश अनुमति दे सकेंगे।
पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने जारी आदेश में कहा है कि कानून का उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन माह तक वकील न्यायालय में पैरवी नहीं कर सकेंगे। साथ ही हड़ताल बुलाने वाले अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। कानून के दायरे में राज्य अधिवक्ता परिषद समेत सभी अधिवक्ता संगठन आएंगे।
Created On :   7 Feb 2019 1:16 PM GMT