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महामेट्रो को दी जाने वाली निधि पर 7 अप्रैल के बाद स्थिति होगी साफ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो प्रोजेक्ट का काम स्पीड से चल रहा है लेकिन इसे पूर्ण साकार करने के लिए और बड़ी राशि लग रही है जिसकी मांग महामेट्रो ने की है लेकिन इस पर 7 अप्रैल के बाद स्थिति साफ होगी। मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए महामेट्रो की ओर से वित्त वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार से 2100 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
पिछले साल की अपेक्षा 300 करोड़ रुपए हैं कम
केंद्रीय बजट में देश की सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए 1500 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में करीब 300 करोड़ रुपए कम है। अब यह कम की गई रकम का असर किन-किन परियोजनाओं के हिस्से में आती है, यह 31 मार्च के बाद साफ होने की जानकारी दी गई, लेकिन 2 अप्रैल को महामेट्रो कार्यालय से संपर्क साधने पर आवंटन की निधि केंद्रीय बजट सत्र खत्म होने के बाद साफ होने की जानकारी दी जा रही है। ऐसे में नागपुर सहित पुणे मेट्रो रेल परियोजना को कितनी रकम मिली यह 7 अप्रैल के बाद साफ हो पाएगा। हालांकि प्राथमिक अनुमान के तौर पर महामेट्रो को मांगी गई रकम की अपेक्षा कम निधि मिलने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में नागपुर मेट्रो रेल परियोजना की झोली में से कितने रुपयों की कटौती की गई है, यह हफ्ते भर के भीतर साफ हो जाएगा।
850 करोड़ की मांग
बता दें राज्य सरकार ने अपने बजट में महामेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के लिए कुल 440 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध कराई थी। यह निधि एमएमआरसीएल की नागपुर और पुणे दोनों परियोजनाओं के लिए है। इसमें 310 करोड़ रुपए महामेट्रो नागपुर के हिस्से में आए, जबकि पुणे मेट्रो को 130 करोड़ रुपए की निधि वितरित की गई थी। नागपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए महामेट्रो ने राज्य सरकार से 850 करोड़ रुपए मांगे थे, लेकिन सरकार से मात्र 310 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए थे।
Created On :   3 April 2018 12:51 PM IST