बुलेट प्रूफ जैकेट को भी पार कर गईं गोलियां, टेस्ट में फेल होने के बाद कंपनी को लौटाई

After failure in firing test, 1430 jackets returned to company
बुलेट प्रूफ जैकेट को भी पार कर गईं गोलियां, टेस्ट में फेल होने के बाद कंपनी को लौटाई
बुलेट प्रूफ जैकेट को भी पार कर गईं गोलियां, टेस्ट में फेल होने के बाद कंपनी को लौटाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फायरिंग टेस्ट के दौरान एके 47 की गोलियां महाराष्ट्र पुलिस की 1430 बुलेट प्रूफ जैकेट के भी पार निकल गईं। गौरतलब है कि बुलेट प्रूफ जैकेट की गुणवत्ता को लेकर उस समय भी सवाल उठे थे, जब 26/11 हमले के दौरान बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के बावजूद एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे शहीद हो गए थे। दरअसल महाराष्ट्र पुलिस ने कानपुर की एक कंपनी से 4600 बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी थीं, लेकिन फायरिंग टेस्ट में फेल होने के बाद 1430 जैकेट कंपनी को लौटा दी गईं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खरीद व समन्वय) वीवी लक्ष्मीनारायण ने दैनिक भास्कर से इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 1430 बुलेट प्रूफ जैकेट कंपनी को वापस कर दी गई हैं और उनके बदले नई बुलेट प्रूफ जैकेट देने को कहा गया है। नई जैकेट मिलने के बाद उनका भी फायरिंग टेस्ट किया जाएगा। 

बुलेट प्रूफ जैकेट की गुणवत्ता को लेकर सवालिया निशान

इस दौरान अगर किसी भी तरह की खामी नजर आई, तो उन्हें भी कंपनी को वापस कर दिया जाएगा। बुलेट प्रूफ जैकेट की गुणवत्ता को लेकर उस समय सवालिया निशान लग गया था, जब 26/11 के मुंबई हमले के दौरान तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे द्वारा बुलेट प्रूफ जैकेट पहने रहने के बावजूद आतंकियों की गोली लगने से उनकी जान चली गई थी। कानपुर की एक कंपनी ने तीन खेप में महाराष्ट्र पुलिस को 4600 बुलेट प्रूफ जैकट की आपूर्ति की थी। इसके लिए कंपनी को 17 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। कंपनी को कुल 5000 बुलेट प्रूफ जैकेट सप्लाई करने का ठेका दिया गया है। 

चंडीगढ़ की प्रयोगशाला में हुई जांच

कंपनी से मिली बुलेट प्रूफ जैकेट की चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय फाॅरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराई गई। जहां जांच के दौरान एके 47 से निकली गोलियों ने 1430 जैकेट को भेद दिया। आला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बुलेट प्रूफ जैकेट की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। 

गड़चिरोली में नक्सल विरोधी अभियान में की जानी थी इस्तेमाल

कानपुर की कंपनी द्वारा सप्लाई की गईं जैकेट मुख्य रूप से राज्य के गड़चिरोली व अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस के इस्तेमाल के लिए मंगाई गई थीं। लेकिन फायरिंग टेस्ट में विफल होने के बाद गड़चिरोली में इनकी आपूर्ति रोक दी गईं। केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी जैकेट सप्लाई करती है कंपनी बुलेट प्रूफ जैकेट की आपूर्ति करने वाली कंपनी अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी ऐसी जैकेट मुहैया कराती है। बता दें कि राज्य पुलिस को 26/11 हमले के करीब नौ साल बाद, 2017 की अंतिम तिमाही में जैकेट की खेप मिलनी शुरू हुई।

Created On :   5 Feb 2018 9:26 AM GMT

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