15 साल बाद शारदा परियोजना को मिली बोर्ड की स्वीकृति

After long 15 years of wait, Sharda project has been approved
15 साल बाद शारदा परियोजना को मिली बोर्ड की स्वीकृति
15 साल बाद शारदा परियोजना को मिली बोर्ड की स्वीकृति

छिन्दवाड़ा/जुन्नारदेव। कन्हान क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित शारदा परियोजना का क्षेत्रवासियों को बीते लगभग पंद्रह वर्षों से इंतजार है। यह इंतजार चुनावी वर्ष में खत्म होता दिखाई दे रहा है। गुरूवार को नागपुर में आयोजित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में कन्हान क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित शारदा परियोजना को शीघ्र खोले जाने की स्वीकृति मिल गई है। अगले माह तक शारदा प्रोजेक्ट में मोहरा बनाने के कार्य की शुरूआत की उम्मीदें जताई जा रही है।  इस परियोजना के शुरू होने से कोयलांचल के अच्छे दिन वापस लौट सकते हैं, लेकिन इसके लिए अभी इंतजार करने की आवश्यकता है।

भवानी खदान में सितंबर 2017 से कोल प्रोडक्शन बंद होने और मोआरी पर संकट के बाद शारदा प्रोजेक्ट से क्षेत्रवासियों को खासी उम्मीदें थी। श्रमिक संगठनों के आंदोलन और मुख्यमंत्री ने कोयला मंत्री से चर्चा कर मोआरी को बंद होने से तो बचा लिया लेकिन नवीन परियोजनाओं का मामला अधर में लटक गया था। कोयला मंत्री के त्वरित हस्तक्षेप के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में शारदा प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए रखा गया। जिसके बाद नागपुर मुख्यालय में आयोजित बैठक में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।

कोयले का है भंडार

शारदा परियोजना में कोयले का अथाह भंडार है। इस परियोजना को यदि संचालित किया जाता है, तो इसमें से लगभग 7.54 लाख टन कोयला 28 वर्षों तक निकाला जा सकता है। इसके साथ ही क्षेत्र की सुरक्षा की दृष्टि से बंद होती खदानों में कार्यरत कामगारों को इस परियोजना में शिफ्ट किया जा सकता है, इसके साथ ही रोजगार अवसर भी युवाओं के लिए उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।

  शुरआत में चार सौ कामगार:

शारदा परियोजना की शुरूआत जून में की जा सकती है। इस माइंस में प्रारंभिक समय में चार सौ कामगारों की आवश्यकता होगी। जिसे मोआरी, भवानी और घोरावाड़ी माईंस के कामगारों को इस परियोजना में शिफ्ट किया जा सकता है।

2019 में शुरू हो सकता है कोल प्रोडक्शन

शारदा परियोजना में मोहरा बनाने का कार्य जून माह में प्रारंभ हो सकता है। एक वर्ष तक इस कार्य के चलने की संभावना है। इस परियोजना से कोल प्रोडक्शन प्रारंभ करने में लगभग 2019 तक क्षेत्रवासियों को इंतजार करना होगा।

     चुनावी राजनीति पर पड़ेगा असर

छिंदवाड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलनाथ को उन्हीं के गढ़ में घेरने की योजना बना रहे हैं। कन्हान क्षेत्र की मोआरी खदान को बंद होने से रोकना और शारदा परियोजना को शीघ्र प्रारंभ करवाकर वह उन्हें उन्हीं के गढ़ में घेरने की कोशिश कर रहे हंै।

इनका कहना है-

 हमारे पास इस संबंध में किसी प्रकार के आदेश नहीं आए है। मुख्यालय से आदेश आने के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।

एल पी इंदुलकर क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक कन्हान क्षेत्र

Created On :   25 May 2018 2:22 PM IST

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