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60 की उम्र के बाद लखपति बनाने का दिखाया था सपना, अब लगवा रहे बैंक के चक्कर

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/पांढुर्ना। रिटायरमेंट या 60 साल उम्र पूरी होने पर लखपति बनाने का सपना दिखाते हुए खाताधारकों से एक स्कीम में 1800 रूपए इन्वेस्ट कराने के बाद अब बैंक ऐसी कोई स्कीम नही होने की बात कहते हुए खाताधारकों को वापस लौटा रही है। ऐसे में करीब तीस साल बाद खाताधारक अब खुद को ठगा महसूस कर रहे है। मामला देश की प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक में शुमार यूनियन बैंक से जुड़ा है। करीब तीस सालों पहले यूनियन बैंक द्वारा चलाई गई रिटायरमेंट बेनीफिट स्कीम के तहत शहर के यशवंत उकंतराव बारंगे और उनकी पत्नी रजनी ने इन्वेस्टमेंट किया था और उन्हें 60 साल की उम्र में अच्छा बेनीफिट होने की बात बताई गई थी। पर अब 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद बैंक प्रबंधन ऐसी कोई स्कीम बैंक के सर्वर में नही होने की बात बताकर खाताधारकों से चक्कर लगवा रहा है।खाताधारक यशवंत बारंगे ने बताया कि 06 अगस्त 1991 को यूनियन बैंक की रिटायरमेंट बेनीफिट स्कीम में अपना और पत्नी रजनी का खाता खुलावाया था। प्रबंधन ने बताया था कि स्कीम के तहत बारह महीनों में बारह किश्तों में 1800 रूपए जमा करने है, जिसके आधार पर 60 साल की उम्र के बाद निर्धारित वर्षों के अनुसार बेनीफिट मिलेगा। यूनियन बैंक की स्कीम होने पर भरोसा करते हुए यशवंत बारंगे ने अपना और पत्नी का खाता खोलकर बारह किश्तों में राशि भी जमा की। पर अब जब उनकी उम्र 60 साल होने के बाद वें बैंक प्रबंधन से बेनीफिट दिलाने की मांग कर रहे है, तो प्रबंधन ऐसी कोई स्कीम बैंक के सर्वर में नही होने की बात बता रहा है।
यह थी स्कीम
स्कीम में शामिल होने के दौरान मिले ब्राउचर में एक साल से 40 साल तक इन्वेस्टमेंट करने के बेनीफिट उल्लेखित है। 40 साल तक इन्वेस्ट रखने के एवज में 3 लाख 17 हजार रूपए का बेनीफिट मिलना था। चूंकि खाताधारक यशवंत बारंगे ने 33 साल की उम्र में स्कीम में इन्वेस्ट किया और अब उनकी उम्र 60 साल होने के चलते उन्हें 27 सालों के बेनीफिट के तहत 60091 हजार रूपए मिलने चाहिए। वहीं उनकी पत्नी को अगले साल 2020 में 60 साल उम्र पूरी होने की स्थिति में 28 साल के बेनीफिट के रूप में 68292 रूपए मिलने चाहिए। स्कीम के तहत खाता खुलवाते हुए यशवंत बारंगे को प्रमाण पत्र, पासबुक, योजना का बाउचर आदि प्रदान किए गए थे, जो आज भी उन्होंने संभालकर रखे है और बेनीफिट को लेकर फिलहाल बैंक के चक्कर काट रहे है।
बैंक सर्वर में नही मिल रहा नाम
यशवंत बारंगे ने बताया कि यूनियन बैंक की पांढुर्ना शाखा से ही साल 1991 में इस स्कीम में शामिल हुआ था। तब यहां पदस्थ प्रबंधन माथुर साहब ने स्कीम के लाभ गिनाते हुए इन्वेस्टमेंट कराया था। अब जब अपने बेनीफिट की राशि के लिए बैंक गया तो पहले बैंककर्मियों ने ऐसी कोई स्कीम नही होने की बात कही। जब सारे कागजात दिखाए तो उन्होंने सर्वर में ढूंढते हुए बताया कि बैंक में ऐसी कोई स्कीम फिलहाल नही है और आपका नाम भी खाताधारकों की सूची में प्रदर्शित नही हो रहा है।
मुंबई-भोपाल तक पहुंचाए आवेदन:
खाताधारक यशवंत बारंगे अपने बेनीफिट राशि को लेकर बीते तीन महीनों से बैंक के चक्कर लगा रहे है। स्थानीय बैंक के अलावा उन्होंने मुंबई और भोपाल के हेड ऑफिसों में भी आवेदन भेजकर बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने इस मामले को लेकर बैंक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए है। उनका कहना है कि एक ओर बैंक अच्छे लोग-अच्छा बैंक का स्लोगन रखकर अपनी स्थापना के 101 साल मना रही है, वहीं पुराने खाताधारकों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
क्या कहते है प्रबन्धक
-मैंने खाताधारक के दस्तावेज देखे है। परंतु यह खाता और स्कीम कम्प्यूटर में शो नही हो रही है। हमनें दस्तावेज और अन्य जानकारी वरिष्ठ कार्यालय भेज दी है। वहीं से इस पर निर्णय होगा। यदि ऑनलाइन जानकारी नही मिलती है, तो हम रिकॉर्ड देखकर मैनुअल माध्यम से भुगतान करवाएंगे।
-राव साहब सराठे, शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक पांढुर्ना।
Created On :   27 Nov 2019 2:58 PM IST