पड़ोसी के एतराज के बाद अदालत ने चिड़ियों को दाना डालने से रोका

After the objection of the neighbor, court order stopped feeding to birds
पड़ोसी के एतराज के बाद अदालत ने चिड़ियों को दाना डालने से रोका
पड़ोसी के एतराज के बाद अदालत ने चिड़ियों को दाना डालने से रोका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फ्लैट की बालकनी में पक्षियों को खाना खिलाना पडोसी के लिए परेशानी पैदा करता है। यह बात कहते हुए मुंबई सिटी सिविल कोर्ट ने वर्ली की एक हाउसिंग सोसायटी में रहनेवाले एक परिवार को स्थायी तौर पर अपनी बालकनी में पक्षियों को दाना-पानी देने से मना कर दिया है। साल 2011 में एक बुजुर्ग दंपति ने कोर्ट में अपने पडोसी के खिलाफ कोर्ट में दावे के स्वरुप में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया था कि उसके पडोसी जब पक्षी को दाना डालते है तो वह उनकी खिड़की में गिरता है। पक्षियों को दाना डालने के लिए पडोसी ने एक प्लेटफार्म भी बनाया है। दाने का आकार इतना छोटा होता है कि वह उनकी स्लाइड की खिड़की में घूस जाता है। जिसे खिड़की स्लाइड से निकालने में काफी कठिनाई होती है। इसके अलावा दंपति ने याचिका में कहा था कि दाने के लिए आनेवाले कबूतर काफी गंदगी करते हैं। जिसके चलते उन्हें दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। क्योंकि गंदगी के चलते वहां पर काफी कीड़े भी आ जाते होते हैं और वे हमारे घर में घूसते है जिससे हमारी नीद हराम होती है। गंदगी की वजह से उन्हें त्वचा संबंधी बीमारी का भी सामना करना पड़ रहा है।

याचिका में दंपति कहा था कि उन्होंने इस बारे में अपने पडोसी का कई बार ध्यान अकर्षित कराया। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इससे परेशान होकर बुजुर्ग दंपति ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की। न्यायाधीश एएच लद्दहाद के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि बालकनी में पडोसी द्वारा पक्षियों को दाना पानी रखना याचिकाकर्ता के लिए परेशानी व बाधा पैदा करता है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए पडोसी को पक्षियों को बालकनी में पक्षियों को दाना पानी देने से रोका जाता है। न्यायाधीश ने कहा कि यदि संभव हो तो सोसायटी याचिकाकर्ता के पडोसी को पक्षियों को दाना पानी देने के लिए एक अलग जगह उपलब्ध कराने पर विचार करे। 

Created On :   29 Jun 2021 9:41 PM IST

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