Mumbai News: एक युवक को 100 अपराधियों के बीच लंबे समय तक जेल में रखना ठीक नहीं - बॉम्बे हाई कोर्ट

एक युवक को 100 अपराधियों के बीच लंबे समय तक जेल में रखना ठीक नहीं - बॉम्बे हाई कोर्ट
  • अदालत ने मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किए गए युवक को दी जमानत
  • मुंबई पुलिस के नारकोटिक्स कंट्रोल सेल (एएनसी) ने युवक के खिलाफ किया था कार्रवाई

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार एक युवक को जमानत देते हुए कहा कि युवक को 100 अपराधियों के बीच लंबे समय तक जेल में रखना ठीक नहीं है। मुंबई पुलिस के नारकोटिक्स कंट्रोल सेल (एएनसी) ने युवक को बांद्रा (पूर्व) खेरवाड़ी से हेरोइन के साथ पकड़ा था। न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की एकल पीठ के समक्ष जुनैद नसीम गौर की याचिका पर सुनवाई हुई।याचिकाकर्ता ओर से पेश वकील कमलेश महादेव सात्रे ने दलील दी कि याचिकाकर्ता 20 वर्ष का एक युवक है। उसके के पास 300 ग्राम हेरोइन की व्यावसायिक मात्रा पाए जाने का आरोप है। वह इस मामले में 8 दिसंबर 2024 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। याचिकाकर्ता के साथ मादक पदार्थ का दूसरे आरोपियों से आदान-प्रदान हुआ था। इसमें एक आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। इस मामले में अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं। इसलिए लंबी कैद के आधार पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए। उसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

सरकारी वकील पूनम भोसले ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता से हेरोइन की व्यावसायिक मात्रा बरामद की गई थी। उसके घर से 150 ग्राम अतिरिक्त हेरोइन भी जब्त की गई। इसलिए मुंबई सेशन कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार किया था। एएनसी अधिकारियों द्वारा एनडीपीएस अधिनियम के तहत आरोप जल्द किया जाएगा।

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता 8 फरवरी 2024 से न्यायिक हिरासत में है। वह 1 वर्ष 9 महीने से अधिक समय से जेल में बंद है। अभी तक आरोप तय नहीं किए गए हैं और यह संभावना नहीं है कि मामले की सुनवाई निकट भविष्य में जल्द समाप्त होगी। वह 20 साल का एक युवा लड़का है। उसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उसे 100 हार्डकोर अपराधियों के बीच लंबे समय तक जेल में रखना ठीक नहीं है। उसको कुछ शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाता है।

Created On :   28 Oct 2025 9:23 PM IST

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