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दैनिक भास्कर हिंदी: ऐसी हुई यात्रियों की फजीहत की ठंड में निकला पसीना, कोच ढूंढने यहां-वहां लगाते रहे दौड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर उस वक्त यात्रियों को परेशान होना पड़ा, जब प्लेटफार्म पर 12849 बिलासपुर-पुणे एक्सप्रेस आई। गाड़ी आने के बाद भी गाड़ी के कोच इंडीकेट नहीं हुए थें। ऐसे में अपने कोच को ढूंढने में यात्रियों का ठंड में भी पसीना निकल गया। इसमें सबसे ज्यादा बीमार और बुर्जुग यात्रियों की फजीहत हुई। नियमानुसार किसी भी गाड़ी का स्टेशन पर आने से पहले कोच डिप्ल्पे में कोच इंडीकेट होनी चाहीए। ताकी यात्री अपने पास रखे भारी भरकम लगेज को लेकर अपने कोच के सामने खड़े रहे। इसमें बीमार व बुर्जुग यात्रियों को दिक्कत नहीं होती है। लेकिन तकनीकी खामी कहे या लापरवाही गुरुवार शाम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर उपरोक्त ट्रेन 6.35 को आनेवाली थी। ऐसे में आधे घंटे पहले से ही कोच पोजीशन डिस्प्ले में दिखाना अपेक्षित था। लेकिन कोच इंडीकेट नहीं हो रहे थें। ऐसे में यात्री दुविधा में रहते हुए इधर से उधर घूम रहे थें। जब गाड़ी प्लेटफार्म पर पहुंची उस वक्त भी कोच की स्थिति को इंडीकेट नहीं किया गया था। जिससे यात्रियों में अपने कोच ढूंढने को लेकर भागमभाग हो गई। नियमित सफर करनेवाले यात्रियों के लिए यह मशक्कत थोड़ी देर के लिए ही रही, लेकिन अज्ञात यात्रियों को जमकर इधर-से उधर दौड़ना पड़ा। हालत और विकराल तब हुए जब पता चला कि, गाड़ी कुछ ही मिनटों में छूटने वाली है। प्लेटफार्म पर इसी भागादौड़ी का सामना कर चुके यात्री निर्मल चारडियां ने बताया कि गाड़ी आने के आधा घंटे पहले से ही कोच इंडीकेट नहीं किए गए। जिससे लगेज लेकर कोच ढुंढने में भारी परेशानी का का सामना करना पड़ा।
गाड़ी अटकी रही आधा घंटा नागपुर में, यात्री होते रहे परेशान
स्कूली बच्चों की आरक्षित बर्थ पर बैठे प्रतिक्षासूची यात्रियों को हटाने के लिए अभिभावकों ने पांच बार चैन पुलिंग की। जिससे गाड़ी आधा घंटा स्टेशन पर अटकी रही। लगातार चैन पुलिंग होने से रेल कर्मचारी से लेकर आरपीएफ हरकत में आई। प्रतिक्षासूची में बैठे यात्रियों को दूसरे कोच में शीफ्ट किया।
गुरुवार दोपहर शहर की एक निजी स्कूल 100 के करीब बच्चों को पिकनिक के लिए लेकर जा रही थी। ऐसे में स्टेशन पर आई जयपुर-मैसूर एक्सप्रेस में आरक्षण था। बच्चों को छोड़ने के लिए उनके अभिभावक भी आए थें। लेकिन जब बच्चों को आरक्षित बोगी पर वह लेकर आये तो यहां पहले से प्रतिक्षासूचि में शामिल यात्री बैठे थें, जब उन्हें उठने के लिए कहा तो वह मान नहीं रहे थें। इस बीच गाड़ी शुरू हो गई। लेकिन अभिभावकों द्वारा चैन पुलिंग की गई। इसके बाद भी प्रतिक्षासूची में शामिल यात्री यहां से उठ नहीं रहे थें। ऐसे में लगातार पांच बार चैन पुलिंग की गई। जिसके बाद आरपीएफ ने आकर मामला संभाल लिया।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।