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एजेंसियां प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की जल्द से जल्द सूची दें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को कोराडी और खापरखेड़ा ताप विद्युत संयंत्रों के आस-पास वायु और जल प्रदूषण में तेजी से वृद्धि के बारे में स्थानीय लोगों की बढ़ती शिकायतों के बाद ऑनलाइन बैठक ली। उन्होंने राज्य सरकार की एजेंसियों को प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों के साथ आने का निर्देश दिया था। काेराडी 2400 मेगावॉट और खापरखेड़ा 1340 मेगावॉट के खापरखेड़ा ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) के आस-पास के इलाकों में फैले भारी प्रदूषण को कम करने को लेकर योजना के संदर्भ में पर्यावरण मंत्री ने महाराष्ट्र विद्युत निर्मिती कंपनी (महानिर्मिती), महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल (एमपीसीबी) के साथ ही दो संस्थाओं सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (सीएफएसडी), मंथन अध्ययन केंद्र, पुणे को उपायों की सूची जल्द से जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को यह बैठक हुई।
ऊर्जा मंत्री के साथ करेंगे विस्तृत बैठक
उन्होंने कहा कि, शोधकर्ताओं की प्रस्तुति को देखने के बाद राज्य सरकार की संबंधित एजेंसियों को बिजली उत्पादन परियोजना क्षेत्र में प्रदूषण के लिए ठोस उपाय करने का निर्देश दिया है। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई और इस बारे में एक प्रस्तावित कार्य योजना तैयार करने के लिए ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत, महानिर्मिती और एमपीसीबी के साथ एक विस्तृत बैठक की जाएगी। उन्होंने दोनों बिजली उत्पादन परियोजनाओं के आस-पास के पानी पर विभिन्न स्थानों पर फ्लाई ऐश और जल प्रदूषण के प्रसार को समझने के लिए मंथन और सीएफएसडी को आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा, समस्या को जानने के बाद उससे संबंधित लोगों को एक साथ लाकर संवाद साधा गया। हमें उम्मीद है कि, राज्य सरकार के प्रयासों से स्थिति को हल करने में मदद मिलेगी।
सीएफएसडी की निदेशक लीना बुद्धे ने कहा कि, ऐश के कारण फसलें नष्ट हो रही हैं। महानिर्मिती की इस कृति के कारण मानवाधिकार भंग हो रहा है। कन्हान और कोलार नदियां (खसला और वारेगांव में मौजूद ऐश बांध के कारण ) भी प्रदूषित हो गई हैं। ऐश पौंड के कारण 50 मीटर बहने वाली पेंच नदी भी प्रदूषित होगी।
पानी के विविध स्रोत हो रहे प्रदूषित
नागपुर जिले के नंदगांव में स्थानीय लोगों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना फ्लाई ऐश को डंप किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय लोगों की बिगड़ती सेहत को देखते हुए नंदगांव में अब नए निर्माण न करने का अनुरोध पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से संस्थाओ ने किया। मंथन अध्ययन केन्द्र के समन्वयक श्रीपाद धर्माधिकारी ने ऑनलाइन बैठक में अध्ययन के निष्कर्ष पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोराडी और खापरखेड़ा पावर प्लांट से आस-पास के क्षेत्राें में पानी के विविध स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। साथ ही इन दोनों पावर प्लांट से निकली राख में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, सीसा, मैंगनीज, पारा, सेलेनियम, कोबाल्ट, तांबा, निकेल, जस्ता, फ्लोराइड और तेल तथा ग्रीस के प्रदूषण पाए गए। हवा में उड़ने वाली राख के कण सांस के साथ तुरंत हमारे फेफड़ों में घुस जाते हैं।
Created On :   8 Jan 2022 6:34 PM IST