महामार्ग के अधूरे निर्माण कार्य के विरोध में किया आंदोलन
डिजिटल डेस्क, भंडारा. कारधा-पवनी-निलज महामार्ग जंगल से होकर जाने से इस मार्ग का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। वहीं आठ वर्षों से मार्ग की मरम्मत भी नहीं की है। आज तक हुई अनेक दुर्घटनाओं में कई जाने चली जाने के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। इसके विरोध में सोमवार 10 अप्रैल को नागरिकों ने भंडारा के राष्ट्रीय महामार्ग कार्यालय में संपूर्ण दिन ठिया आंदोलन किया। इस आंदोलन में प्रमुखता से सुभाष आजबले, भाऊ कातोरे, पूजा ठवकर, जिप सदस्य कविता उईके, पंस सदस्य काजल चवले, सीमा रामटेके प्रामुख्य से सहभागी हुए थे। आंदोलनकर्ताओं ने 8 दिन के पूर्व आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसलिए आंदोलन स्थल पर पुलिस का बंदोबस्त किया गया था। इस समय सैकड़ों नागरिकों ने कार्यालय में ही ठिया आंदोलन किया। इस आंदोलन में सुभाष आजबले, भाऊ कातोरे, पूजा ठवकर, जिप सदस्य कविता उईके, पंस सदस्य काजल चवले, सीमा रामटेके, प्रवीण उदापुरे, गिरीश ठवकर, संजु सार्वे, पराग वघरे, सतीश सार्वे, राजू हलमारे, गजु मेहर, अजय चवले, स्वप्निल आरीकर, राधे भोंगाडे, अभय डोंगरे, हंसराज गजभिये, विजय हटवार, पिंटु मदनकर, जगदीश उके, नरेंद्र रामटेके, कमल साठवणे, संजू चोपकर, मंगेश हुमने, दर्शन भोदे, सह अनेक नागरिक उपस्थित थे।
अधिकारियों से मिले टालमटोल जवाब
उपस्थित कनिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकर्ताओं को टालमटोल जवाब दिए। भंडारा वनविभाग, वन्यजीव विभाग पशु संरक्षण का कारण देकर मार्ग का निर्माणकार्य रूका होने का बता रहे है। इस लिए आंदोलनकर्ता अधिक आक्रमक हुए। परंतु फिर भी शाम तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
Created On : 11 April 2023 1:54 PM