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पृथक विदर्भ के लिए सड़कों पर उतरने की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री ने हाल ही में मुंबई को महाराष्ट्र के विकास के लिए अहम बताते हुए मुंबई, ठाणे में 500 चौरस फीट से ज्यादा दायरे के घरों का संपत्तिकर माफ करने की घोषणा की है, लेकिन विदर्भ को लेकर किसी तरह की कोई सकारात्मक घोषणा नहीं की। ऐसे में जय विदर्भ पार्टी ने विभागीय आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के नाम निवेदन सौंपा है। जिसमें मुंबई, ठाणे की तर्ज पर विदर्भ के नागपुर, चंद्रपुर, अमरावती व अकोला में सुविधा देने की मांग की है। अन्यथा पृथक विदर्भ की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।
आय विदर्भ से, खर्च मुंबई पर
कहा गया है कि, 1 जनवरी से ही विदर्भ पर अन्याय शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के लिए विदर्भ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां 23 प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के जंगल में 70 प्रतिशत जंगल विदर्भ में है। विदर्भ में विदर्भ के ही कोयले से महाराष्ट्र की 73 प्रतिशत बिजली तैयार की जाती है। जिसका उपयोग मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक कोल्हापुर, सोलापुर व इचलकरंजी आदि पश्चिम महाराष्ट्र के कारखानों में किया जाता है। इन कारखानों से होने वाली आय विदर्भ पर खर्च नहीं होती। बावजूद संपत्ति कर माफ न करना विदर्भ पर अन्याय है। निवेदन सौंपने वालों में पार्टी के अध्यक्ष अरुण केदार, महासचिव विष्णु आष्टीकर, उपाध्यक्ष मुकेश मासूरकर, सहसचिव गुलाबराव धांडे, पॉलिट ब्यूरो सदस्य तात्यासाहेब मते, सुधा पावड़े आदि उपस्थित थे।
Created On :   5 Jan 2022 4:49 PM IST