वरिष्ठ नागरिकों की व्यथा, प्रशासन को नहीं सुध लेनी की फुर्सत

Agony of senior citizens administration is not allowed time to improve
वरिष्ठ नागरिकों की व्यथा, प्रशासन को नहीं सुध लेनी की फुर्सत
वरिष्ठ नागरिकों की व्यथा, प्रशासन को नहीं सुध लेनी की फुर्सत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली घरेलू समस्या का समाधान करने का अधिकार उपविभागीय अधिकारी (एसडीआे) को दिया गया है। सीनियर सिटीजन एक्ट-2007 के मुताबकि वरिष्ठ नागरिकों की समस्या का निपटारा तीन महीने के भीतर होना चाहिए, लेकिन पिछले एक साल से लोग यहां चक्कर काट रहे हैं। पिछले दो महीने से वरिष्ठ नागरिकों की व्यथा सुनने के लिए प्रशासन के पास समय ही नहीं होने की जानकारी सामने आई है। भारत सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले घरेलू प्रताड़ना व ज्यादति की रोकथाम के लिए सीनियर सिटीजन एक्ट-2007 बनाया है। वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित समस्या का निपटारा करने का अधिकारी एसडीआे को दिया गया है। शहर में यह अधिकारी उपविभागीय अधिकारी शेखर घाडगे के पास है। सितंबर महीने में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी आैर तब से इन मामलों की सुनवाई बंद है। प्रशासन की तरफ से अधिकारी चुनाव में व्यस्त होने का कारण सामने किया जा रहा है।

एक नजर आंकड़ों पर 
साल 2017-18 में एसडीओ के पास वरिष्ठ नागरिकों के 27 मामले पहुंचे, जिसमें से 21 मामलों का ही निपटारा हुआ। इस साल अब तक 24 मामले पहुंचे। पुराने 6 और इस साल के 24 ऐसे कुल 30 मामले हैं, जिसमें से केवल पुराने 6 मामलों का ही प्रशासन िनपटारा कर सका है। अमूमन सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय है, लेकिन पिछले दो महीने से सुनवाई नहीं हो रही।

इन मामलों की होती है सुनवाई 
वरिष्ठ नागरिकों को घर से बेदखल करना, भोजन नहीं देना, प्रताड़ित करना, मारपीट करना, वरिष्ठ नागरिक द्वारा खरीदी संपत्ति पर परिजनों द्वारा कब्जा करना, रोटी-कपड़ा-मकान से संबंधित समस्याओं पर एसडीओ के पास सुनवाई होती है। एसडीओ जो आदेश देते हैं, उस पर अमल कराकर लेने की जिम्मेदारी संबंधित पुलिस की होती है।  पहले की पेंडेंसी है 

अब तेजी से सुनवाई होगी 
16 सितंबर 2019 को यहां का चार्ज लिया है। चार्ज लिया, उस वक्त विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी। अधिकारी-कर्मचारी चुनाव में व्यस्त होने से नियमित सुनवाई नहीं हो सकी। जो पेंडेंसी है, वह मेरे पहले की है। अभी नियमित रूप से हर सप्ताह सुनवाई कर तेजी से मामले निपटाए जाएंगे। जितने जल्दी हो, उतने जल्दी मामले निपटाने की कोशिश होगी।  - शेखर घाडगे, उपविभागीय अधिकारी नागपुर
 

Created On :   12 Nov 2019 12:57 PM IST

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