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कृषि उपज खरीदी-बिक्री संस्था बंद होने की कगार पर, लाखों रुपए का नुकसान
डिजिटल डेस्क, भंडारा। स्थानीय साकोली तहसील कृषि उपज सहकारी खरीदी-बिक्री संस्था के धान खरीदी केंद्र शासन द्वारा बंद किए जाने के कारण गत वित्त वर्ष में 60 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। विगत 60 वर्ष से किसानों के हितों के लिए काम करने वाली किसानों की सहकारी संस्था बंद होने की कगार पर है। आगामी भविष्य में संस्था के कर्मचारियों पर भुखमरी की नौबत आन पड़ने की आशंका जताई जा रही है। लाखनी-बिक्री संस्था द्वारा संचालित लाखनी, एकोड़ी, परसोड़ी, सातलवाड़ा में 4 धान खरीदी केंद्र जनवरी 2021 से जिला मार्केटिंग अधिकारियों द्वारा बंद कर दिए गए हैं। जिसके एवज में नयी सहकारी संस्थाओं को धान खरीदी केंद्र दिए जाने के कारण किसानों के साथ बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ी की गई है। खरीदी-बिक्री संस्था द्वारा वर्तमान की परिस्थति में सालेभाटा व जेवनाला यह दो धान खरीदी केंद्र शुरू हैं। इसमें सालेभाटा का धान खरीदी केंद्र एक नई सहकारी संस्था को दिए जाने की चर्चा है। इस वर्ष खरीफ के मौसम में 1 लाख 51 हजार क्विटंल धान की खरीदी की गई है। वहीं रबी मौसम में 27 हजार 2 क्विटंल धान की खरीदी की गई है। 6 केंद्र के शुरू रहते वर्ष 2019-20 के रबी मौसम में 31 लाख रूपय व खरीफ के मौसम में 30 लाख रुपए का कमीशन कम मिलने के कारण कुल 60 लाख रुपए की खरीदी, बिक्री का नुकसान हुआ है। किसान खरीदी बिक्री संस्था को 60 वर्ष पूर्ण हो गए हंै। वर्तमान की परिस्थिति में यह संस्था महाराष्ट्र की धान खरीदने वाली दूसरे नंबर की संस्था है। संस्था के लाखनी व साकोली तहसील में 1700 सदस्य हंै। संस्था द्वारा लाखनी के बाजार परिसर में नई इमारत तैयार की गई है।
खेतों का निरीक्षण कर किया जाएगा मार्गदर्शन
पद्माकर गिदमारे, उपविभागीय अधिकारी, साकोली के मुताबिक किसानों के खेतों को भेंट देकर निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण कर किसानों को आगामी कार्रवाई के लिए योग्य मार्गदर्शन किया जाएगा।
Created On :   29 Oct 2021 6:58 PM IST