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महाराजबाग में बीमारी से जूझ रहे तेंदुऐ अजय की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराजबाग में बीमारी से जूझ रहे तेंदुए अजय की मौत हो गई। गत तीन दिनों से उसकी तबीयत खराब चल रही थी। उसका उपचार भी चल रहा था लेकिन शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। वन्यजीवप्रेमियों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
महाराजबाग में ही हुआ था जन्म
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों ही महाराजबाग में बाघिन जाई की मौत हुई थी। जाई की मौत के बाद बाघिन ली और तेंदुआ ही महाराजबाग की रौनक बने हुए थे। लेकिन अजय की बीमारी के तीन दिनों के अंदर मौत होने से वन्यजीव प्रेमी सहित जू के लिए दुखद समाचार है। बता दें 19 वर्षीय अजय का जन्म 1992 में महाराजबाग में ही हुआ था। उसके माता-पिता को वन्यक्षेत्र से यहां लाया गया था। उनके महाराजबाग में आने के कुछ समय बाद अजय का जन्म हुआ था। तब से उसे यहीं पर रखा गया था। अजय बचपन से ही महाराजबाग में रहा इसलिए महाराजबाग के स्टाप का उससे खास लगाव हो गया था। महाराजबाग में शहर ही नहीं आसपास के लोग भी वन्यजीवों और पशु-पंछियों को देखने के लिए आते हैं।
भालू के पिंजरे के पास रखा था अजय को
वर्तमान स्थिति में भालू के पिंजरे के बगल में उसे रखा गया था। जहां रोजना सैकड़ों पर्यटक उसे यहां देखने आते थे। लेकिन तीन दिन पहले उसकी तबीयत अचानक ही खराब हुई थी। उसके रक्त के नमूने लिए गए थे। जिसमें कैल्शियम की कमी पाई गई थी। उसे सलाइन के माध्यम से दवा दी जा रही थी लेकिन उसकी तबीयत सुधरने की बजाए और बिगड़ गई और अंतत: शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। बाघ और तेंदुए के लिए प्रसिद्ध विदर्भ के जंगलों में जिस तक बाघों को लेकर आकर्षण रहता है उसी तरह तेंदुओं को लेकर भी आकर्षण बना रहता है। भंडारा के अभयारण्य में हाल ही में तेंदुए के कुछ शावकों को देखा गया गया था। यवतमाल में भी बाघिन को शावकों के साथ देखा गया। जाई और अजय की मौत के बाद महाराजबाग में शीघ्र ही नन्हे शावकों के आने की उम्मीद की जा रही है।
Created On :   7 April 2018 2:43 PM IST