चंद्रपुर, वर्धा और गड़चिरोली में बैन के बावजूद बिक रही शराब, जांच के लिए बनेगी समिति

Alcohol is still selling despite the ban on all alcoholic products
चंद्रपुर, वर्धा और गड़चिरोली में बैन के बावजूद बिक रही शराब, जांच के लिए बनेगी समिति
चंद्रपुर, वर्धा और गड़चिरोली में बैन के बावजूद बिक रही शराब, जांच के लिए बनेगी समिति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चंद्रपुर, वर्धा व गड़चिरोली जिले में शराब पर बैन होने के बावजूद बिक्री होने के मामलों पर ठोस निर्णय लेने के लिए एक समिति बनायी जाएगी। समिति की रिपोर्ट एक माह में लेकर तत्काल प्रतिबंधक उपाय योजना की जाएगी। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में यह घोषणा की। ध्यानाकर्षण सूचना के तहत विजय वडेट्टीवार व अन्य सदस्यों ने यह मामला उठाया था। सदस्यों ने कहा कि चंद्रपुर, वर्धा और गड़चिरोली में शराब बिक्री पर बैन होने के  बावजूद इन जिलों में अवैध शराब की बिक्री बढ़ गई है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार ही देखा जाए तो करोड़ों की अवैध शराब पकड़ी जा रही है। 

डुप्लीकेट शराब अत्यंत हानिकारक है। कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं। युवाओं की मौत हो रही है। बंदी के नाम पर पुलिस की हफ्ता वसूली बढ़ गई है। मंत्री बावनकुले ने कहा कि तीनों जिले से शराबबंदी का निर्णय वापस नहीं लिया जाएगा। बंदी नियम को और अधिक समक्ष बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए विधायकों व जनता का सहयोग भी आवश्यक है। ग्राम रक्षक दल को विशेषाधिकार दिया गया है। ग्राम रक्षक दल की शिकायत पर अवैध शराब के विरोध में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम रक्षक दल का हर ग्राम पंचायत में गठन नहीं होने के कारण पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के मामले भी सामने नहीं आए हैं। चंद्रपुर जिले में शराब बिक्री के 24320 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें से 26786 आरोपी पकड़े गए। शराब बिक्री के मामले में लगातार 3 बार पकड़े जाने पर एनपीडीए कानून के तहत कार्रवाई की जाती है। 

शराब बंदी पर किसने, क्या कहा
बंदी के बाद भी चंद्रपुर जिले में 2 करोड़ का ड्रग्स पकड़ा गया। बंदी के बाद डुप्लीकेट शराब बिक्री का प्रमाण बढ़ गया है। युवाओं की मौत हो रही है।
(विजय वडेट्टीवार)

शराब बंदी के लिए ग्राम रक्षक दल बनवाने के लिए विधायक को क्यों कहते हो। विधायक के पास और भी काम हैं। प्रशासन क्या कर रहा है। इन मामलों में लिप्त कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
(अजित पवार)

शराब बंदी के बाद पड़ोसी जिलों में शराब दुकान व बियर बार बढ़ गए हैं। जिला सीमा पर शराब पीकर लोग विवाद करते रहते हैं। कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास होता है। उत्पादन शुल्क विभाग में शराब बंदी के काम के लिए स्टाफ क्यों नहीं बढ़ाते हो।
(वीरेंद्र जगताप)

Created On :   11 July 2018 4:58 PM IST

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