डॉ तडवी आत्महत्या मामले में आरोपी तीनों डाक्टर गिरफ्तार, 31 मई तक हिरासत  

All 3 accused arrested in Tadavi suicide case detained till May 31
डॉ तडवी आत्महत्या मामले में आरोपी तीनों डाक्टर गिरफ्तार, 31 मई तक हिरासत  
डॉ तडवी आत्महत्या मामले में आरोपी तीनों डाक्टर गिरफ्तार, 31 मई तक हिरासत  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नायर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले में पुलिस ने दो और आरोपी महिला डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को बुधवार को सत्र न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। तीनों महिला डॉक्टरों पर पायल को जातिगत टिप्पणियों के जरिए प्रताड़ित करने और आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप है। मामले की छानबीन कर रही आग्रीपाडा पुलिस ने मंगलवार शाम को डॉ भक्ति मेहर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद देर रात दो और आरोपियों डॉ हेमा आहूजा और डॉ अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी डॉक्टरों ने अग्रिम जमानत हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन एंटी रैगिंग और एट्रोसिटी कानून की गैरजमानती धाराओं में अपराध दर्ज होने के चलते उन्हें सफलता नहीं मिली। डॉ भक्ति को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा जब वह अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अदालत परिसर में पहुंची थी। डॉ हेमा को अंधेरी रेलवे स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया गया है। डॉ अंतिका को भी पुलिस पुणे से गिरफ्तार करने में कामयाब रही।

कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस ने यह कहते हुए आरोपियों की हिरासत मांगी कि उसे इस बात की जांच करनी है कि क्या पायल ने कोई सुसाइड नोट छोड़ा था जिसे आरोपियों ने नष्ट या गायब कर दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं लेकिन पीड़िता के साथ उनके ह्वाट्सएप चैट की जांच की जानी अभी बाकी है। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान मिले थे जिनकी छानबीन की जानी है। सरकारी पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। बता दें कि डॉ पायल ने 22 मई को नायर अस्पताल के हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। परिवार ने तीनों महिला डॉक्टरों पर जातिगत टिप्पणी और रैगिंग का आरोप लगाया था जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।    

डॉ खंडेलवाल की तलाश में अकोला, अमरावती व मध्यप्रदेश तक गई थी मुंबई पुलिस 

सत्र न्यायालय में तीनों महिला डाक्टरों की हिरासत को लेकर बहस हुई। पुलिस ने इस मामले में डा हेमा अहूजा, डा भक्ति मेहर व डा अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तार किया है। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने न्यायाधीश के सामने दावा किया कि पुलिस इस मामले में गिरफ्तार आरोपी डा खंडेलवाल की तलाश के लिए अकोला, अमरावती व मध्य प्रदेश तक गई थी। हालांकि खंडेलवाल वहां नहीं मिली। अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस को खंडेलवाल से पूछताछ के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है। इसके साथ ही वह जांच में सहयोग भी नहीं कर रही है। इसलिए मामले में गिरफ्तार आरोपी डाक्टरों को पुलिस हिरासत में भेजना जरुरी है। हिरासत आवेदन में कहा गया है कि आरोपी डाक्टरों ने व्हाट्सएप ग्रुप में बातचीत के दौरान तड़वी को भगौडी भी कहा था। इसके अलावा आरोपी डाक्टरों ने कहा था कि वे उसे आपरेशन थिएटर में जाने नहीं देंगे। यहीं नहीं वे तड़वी को मरीजों के सामने भी अपमानित करते थे। चुंकी तडवी ने ऐसे स्थान पर आत्महत्या की है जहां लोगों के प्राण बचाए जाते हैं, इसलिए इस मामले की गंभीरता से जांच के लिए आरोपी डाक्टरों की हिरासत जरुरी है। ताकी समाज में सही संदेश पहुंच सके। पुलिस को आशंका है कि तीनों आरोपी डाक्टरों ने मामले से जुड़े सबूतो को भी नष्ट किया है। हमे आशंका है कि आरोपी डाक्टर उस जगह पर गए थे जहां पर डा तडवी ने आत्महत्या की थी। ऐसे में हो सकता है कि आरोपी डाक्टरों ने वहां से डा तडवी की ओर से आत्महत्या से पहले लिखे पत्र को गायब किया हो। 

हमें तडवी की जाति नहीं था पताः आरोपी डाक्टर  

वहीं आरोपी डाक्टरों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि मेरे मुवक्किलों को पता भी नहीं था कि मृतक ने आरक्षित सीट पर मेडिकल कालेज में दाखिला लिया है। ऐसे में मेरे मुवक्किलों द्वारा डा तड़वी पर जातिगत ताने मारने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। मेरे मुवक्किलों ने यह बात जरूर कही थी कि डा तड़वी अपना काम बेहतर तरीके से करे अन्यथा वे उसकी जानकारी वरिष्ठ डाक्टरों को देंगे। इसे प्रताड़ना नहीं माना जा सकता है। इसलिए मेरे मुवक्किल को पुलिस हिरासत में न भेजा जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने तीनों आरोपी डा भक्ति मेहर, डा हेमा अहूजा व डा अंकिता खंडेलवाल को 31 मई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले डा तडवी के वकील नितिन सातपुते ने डा तडवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जेजे अस्पताल के जूनियर डाक्टरों ने पोस्टमार्टम किया है। जबकि नियमानुसार यह वरिष्ठ डाक्टर की निगरानी में होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने तड़वी की हत्या किए जाने की भी आशंका व्यक्त की। क्योंकि उसके शरीर में चोट के कई निशान मिले हैं। 

Created On :   29 May 2019 1:59 PM GMT

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