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रेटिना स्पेशलिस्ट डॉक्टर पर गंभीर आरोप, उपचार बंद, मरीज परेशान

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मेडिकल के नेत्र विभाग के रेटिना स्पेशलिस्ट आरोपों को कठघरे में आने के बाद यहां आने वाले मरीजों के हाल हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) के नेत्र विभाग में 29 जनवरी से रेटिना को इंजेक्शन देकर दृष्टि बढ़ाने वाला उपचार बंद पड़ा है। जबकि हर दिन करीब 40 मरीजों को इंजेक्ट किया जाता था। परेशानी की बात यह है कि रेटिना स्पेशलिस्ट पर ही गंभीर आरोप लगाए गए हैं, ऐसे में यदि रेटिना स्पेशलिस्ट द्वारा सेवा देने में असमर्थता प्रकट करने से मामला गंभीर हो सकता है।
आरोप लगने के बाद हुई थी कार्रवाई
एसीबी ने सोमवार, 29 जनवरी को मेडिकल के नेत्र विभाग के लेक्चरर सहित रेजीडेंट डॉक्टर को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामले में दोनों डॉक्टरों को जेल की भी हवा खानी पड़ी। मरीज के परिजनों का आरोप था कि उनसे बाहर से इंजेक्शन मंगवाने के नाम पर पैसों की वसूली की गई, जबकि मेडिकल में लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है, क्याेंकि अस्पताल में हमेशा ही दवाएं उपलब्ध नहीं रहती हैं, लेकिन मरीजों के उपचार को प्राथमिकता देने के लिए डॉक्टर पैसे जमा करके बाहर से दवा मंगवाते थे।
डेढ़ माह पहले हुआ था आरंभ
मेडिकल में एकमात्र रेटिना विशेषज्ञ थी जिसने पिछले करीब डेढ़ से दो साल पहले मेडिकल में ज्वाइन किया था। तभी से मेडिकल में रेटिना का उपचार आरंभ हुआ था और हर दिन करीब 40 से 50 मरीजों को उपचार दिया जाता था, लेकिन रिश्वत लेने के आरोप की घटना के बाद से मामला अधर में लटक गया है। यदि रेटिना स्पेशलिस्ट डॉक्टर अपनी सेवाएं देना बंद करती हैं, तो मरीजों के सामने समस्या खड़ी हो जाएगी।
तो मरीजों को चुकाने पड़ेंगे 10 हजार रुपए
परेशानी की बात यह है कि यदि मेडिकल में यह उपचार बंद हो गया, तो फिर मरीजों को निजी हॉस्पिटल में उपचार करवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और उन्हें 3 हजार रुपए की जगह 10 हजार रुपए तक चुकाने पड़ेंगे।
Created On :   6 Feb 2018 1:13 PM IST