यहां मिलते हैं खूनी समोसे और बारूदी चिवड़ा

Along with oranges Nagpur is also famous for its many dishes
यहां मिलते हैं खूनी समोसे और बारूदी चिवड़ा
यहां मिलते हैं खूनी समोसे और बारूदी चिवड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी संतरा के लिए तो फेमस है ही, यहां और भी ऐसे कई व्यंजन हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं। यहां का तरी-पोहा भी काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा नागपुरियंस भिन्न-भिन्न प्रकार के फूड के भी शौकीन हैं, जिनके नाम सुनते ही थोड़ा आश्चर्य होता है, लेकिन जब इनका स्वाद एक बार चख लिए लिए, तो इन्हें हर दम खाने की इच्छा होती है। शहर में मिलने वाली तंदूरी चाय, खूनी समोसा, मटका रोटी, लोणी डोसा और बारूदी चिवड़ा केवल नागपुर में ही मिलता है। सिर्फ नागपुरियंस ही नहीं, बाहर से आने वाले लोग भी इसके दीवाने हैं। 

खूनी समोसा खाने से छूटते हैं पसीने
खूनी समोसा नाम सुनते ही बड़ा अजीब लगता है, लेकिन शहर में खूनी समोसा खाने वालों का भी एक वर्ग है। खूनी समोसा की खासियत है कि इसमें बहुत अधिक मात्रा में लाल मिर्ची डाली जाती है और सर्व करते समय उसमें लाल तरी को डाला जाता है। इसलिए इसे खूनी समोसा कहा जाता है। इसके खाते ही पसीने छूटने लगते हैं। इसके साथ ही लोणी डोसा भी शहर में फेमस है। इसमें लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लोणी यानी मक्खन डाला जाता है। हेल्दी भी होता है। 

तीखा होता है बारूदी चिवड़ा
बारूदी चिवड़ा भी काफी तीखा होता है। इसमें लाल मिर्च पाउडर की मात्रा काफी होती है, जिससे यह लाल रंग लिए होता है। इसे खाते ही आंखों से पानी निकलने लगता है। इसलिए इसे बारूदी चिवड़ा कहते हैं। जो लोग काफी तीखा खाते हैं, उन्हें ही यह चिवड़ा पसंद आता है। इसका स्वाद काफी चटपटा होता है।

मटके वाली तंदूरी चाय
अभी तक लोगों को तंदूरी रोटी तो मालूम थी, लेकिन तंदूरी चाय सुनकर सभी को आश्चर्य होता है, लेकिन यह तंदूरी चाय नागपुर में भी मिलती है। इसका स्वाद निराला है। एक बार इसे पीने के बाद दूसरी चाय पीना कोई प्रिफर नहीं करेगा। तंदूरी चाय सिम्पल चाय की तरह ही होती है। इसको बनाने की विधि डिफरेंट होती है। तंदूर के अंदर मिट्टी की छोटी मटकियां रखी जाती हैं। इसे लाल होने तक गर्म किया जाता है, फिर इसमें चाय डाली जाती है और नॉर्मल होने के बाद इसे कुल्हड़ में सर्व किया जाता है। मटकी और कुल्हड़ का सोंधापन चाय के टेस्ट को बढ़ा देता है। तंदूर में रखी मटकी को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

मटका रोटी
मटका कुल्फी तो लगभग सभी ने खाई होगी, लेकिन मटका रोटी कम लोग खाए होंगे। शहर में ऐसी कई जगह हैं, जहां पर मटका रोटी बनाई जाती है। इसके लिए मिट्टी का मटका यूज किया जाता है, जो विशेष तरह का और चिकना होता है। इसकी कीमत भी ज्यादा होती है। मटका रोटी में गेहूं का आटा इस्तेमाल किया जाता है। इसे गूंधने का तरीका भी अलग होता है। मटका रोटी में गोल, लंबी और वर्गाकार शेप की रोटी बनाई जाती है। मटका रोटी पायली के हिसाब से होती है। रोटी मटके पर सेंके जाने के कारण इसमें सोंधापन अधिक होता है। 
 

Created On :   25 Feb 2019 2:04 PM IST

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