अब कांग्रेस से गठबंधन के लिए बात करने को तैयार हैं आंबेडकर

Ambedkar is now ready to talk with Congress for coalition
अब कांग्रेस से गठबंधन के लिए बात करने को तैयार हैं आंबेडकर
अब कांग्रेस से गठबंधन के लिए बात करने को तैयार हैं आंबेडकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन आघाडी के वोट कटवा उम्मीदवारों के चलते कांग्रेस-राकांपा को हुए नुकसान के मद्देनजर दोनों दल विधानसभा चुनाव में यह स्थिति टालना चाहते हैं। कांग्रेस व राकांपा ने आंबेडकर को पत्र लिख कर गठबंधन को लेकर चर्चा का आमंत्रण दिया है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो आंबेडकर बातचीत को लेकर सकारात्मक हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को विस में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के सरकारी आवास पर कांग्रेस-राकांपा नेताओं की बैठक हुई। मंगलवार को भी इस तरह की बैठक हुई थी। बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात ने पत्रकारों से कहा कि जातिवादी और धर्मांध शक्तियों को रोकने के लिए सभी धर्म निरपेक्ष दलों को साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गठबंधन के लिए हमनें प्रकाश आंबेडकर को पत्र लिखा है। यह पूछे जाने पर क्या आंबेडकर ने गठबंधन में शामिल होने के लिए कोई शर्त रखी है? इस पर थोरात ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है। 

सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-राकांपा में बैठक

सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थोरात और प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील ने श्री आबंडेकर को पत्र लिख कर गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया है। जवाब में आबंडेकर ने गठबंधन के लिए कुछ शर्ते रखी हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने उन्हें चुनाव के लिए कांग्रेस और राकांपा नेताओं के साथ वार्ता के लिए आमंत्रित करने वाले पत्र का ‘‘सकारात्मक’’ जवाब दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस-राकांपा नेताओं की बैठक में सीटिंग सीटों को छोड़ कर अन्य सीटों पर जल्द फैसला लेने का निर्णय लिया गया। बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में कौन पार्टी कौन सीट जीत सकती है, इस पर भी चर्चा हुई। साथ ही मित्र दलों के लिए भी सीट छोड़ने पर चर्चा की गई। 

150 सीटों पर कोई विवाद नहीं

कांग्रेस के एक नेता ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस और राकांपा में कुल 288 विधानसभा सीटों में से करीब 150 पर कोई विवाद नहीं है और इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इन सीटों के बंटवारे पर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 150 सीटों पर दोनों दलों के बीच कोई विवाद नहीं है। चूंकि हमने 2014 का विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था। इस लिए इस बार सीट बंटवारे का आधार 2009 का विधानसभा चुनाव होगा। 2009 में दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। उन्होंने कहा कि कुछ सीटें बदल सकती है और कुछ अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ी जा सकती है। कौन-सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी यह फैसला करने में ‘‘जीतने की क्षमता’’ को प्राथमिकता दी जाएगी। 
                  

Created On :   24 July 2019 3:32 PM GMT

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