BCCI-फिल्म निर्माताओं से वसूली के लिए कानून में संशोधन !

Amendment in law for recovery from BCCI-film makers !
BCCI-फिल्म निर्माताओं से वसूली के लिए कानून में संशोधन !
BCCI-फिल्म निर्माताओं से वसूली के लिए कानून में संशोधन !

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश मे क्रिकेट खिलाड़ियों और बॉलीवुड अभिनेताओ-अभिनेत्रियों के बीच हर साल करोड़ों का कारोबार होता है। लेकिन कानून के खामियों का फायदा उठाते हुए सरकार को स्टाम्प ड्यूटी नहीं भरी जाती। इसके लिए कानून में संशोधन की जरूरत है। यह मामला सरकार के सामने लाने वाले भाजपा विधायक अमित साटम अब इसको लेकर सदन में निजी विधेयक पेश किया है।

दरअसल दो पक्षों के बीच हुए किसी भी करार के कानूनी मान्यता के लिए उसका मुद्रांक (स्टाम्प) शुल्क विभाग के पास रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग शुल्क वसूलता है। यह शुल्क करार के राशि पर निर्भर होती है। देश की सबसे समद्धशाली खेल संघ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( BCCI ) खिलाड़ियों के साथ करोड़ों रुपए का करार करती है। इसके लिए IPL में खेलने वाले खिलाड़ियों और उनके टीम मालिकों के बीच भी करोड़ों रुपए के करार होते हैं। लेकिन इन करारो का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता। इसी तरह फिल्मों और टीवी सिरियलों में काम करने वाले कलाकारों और निर्माताओं के बीच होने वाले करार का भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराता जाता।

कानून में बदलाव के लिए भाजपा विधायक का निजी विधेयक
इस मसले को लेकर कानून में संशोधन की मांग के लिए निजी विधेयक पेश करने वाले भाजपा विधायक साटम का कहना है कि कानून में खामी की वजह से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। साटम के निजी विधेयक के मजमून के मुताबिक महाराष्ट्र में लागू पंजीकरण अधिनियम 1908 लागू है। इस कानून की धारा 17 में संशोधन कर BCCI, IPL खिलाड़ियों के बीच होने वाले करार के साथ-साथ फिल्म व टीवी सिरियल कलाकारों व निर्माताओं के बीच के करार को मुद्रांक विभाग के पास रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा सकता है।

साटम कहते हैं कि क्रिकेटरों और फिल्मी कलाकारों के बीच होने वाले करार करोड़ों के होते हैं। इस लिए सरकार ने कानून में संशोधन किया तो बड़ा राजस्व मिल सकता है। साटम इसके पहले भी विधानसभा में यह मामला उठा चुके हैं। इस पर राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में BCCI से करार के दस्तावेज मंगाए जाएंगे।

शुरू हुई वसूली, पर हिसाब नहीं
दूसरी तरफ राज्य के स्टाम्प शुल्क नियंत्रक सुरेश जाधव का कहना है कि BCCI रजिस्ट्रेशन शुल्क देने को राजी हो गया है और उनसे यह शुल्क वसूल भी हो रहा है। पर अब तक कितनी राशि वसूल हुई इसकी जानकारी नहीं दे सके। स्टाम्प शुक्ल विभाग के सूत्रों के अनुसार रजिस्ट्रेशन शुल्क देने से बचने के लिए BCCI खिलाड़ियों और प्रायोजकों के साथ करार का काम दिल्ली में करता है जबकि BCCI के मुख्यालय मुंबई में ही है। 

Created On :   18 July 2018 12:54 PM GMT

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