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अपारंपरिक ऊर्जा के दर कम करने संशोधन की जरूरत - बावनकुले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अपारंपारिक ऊर्जा की दर कम हो और आम जनता की पहुंच में आ सके, इसके लिए इसमें संशोधन की जरूरत है। वे इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स की आेर से धरमपेठ स्थित वनामति सभागृह में आयोजित दो दिवसीय हरित क्रांति कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अपारंपरिक ऊर्जा पर संशोधन करने पर इसके रेट आैर कम होंगे। आम जनता को कम रेट में बिजली मिल सकेगी। आने वाला समय अपारंपारिक ऊर्जा का है।
बड़े पैमाने पर बिजली की जरूरत
2030 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक पर दौड़ाने का अंदेशा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर बिजली की जरूरत होगी। यह ऊर्जा सौर, पवन ऊर्जा के माध्यम से उत्पादित की जाएगी। राज्य के 45 लाख किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली आपूर्ति करने की योजना है। कुछ जगह यह योजना शुरू हो चुकी है। सार्वजनिक जलापूर्ति योजना को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली दी जाएगी। जिले में 45 जगहों पर यह योजना शुरू हुई है। उन्होंने इस कार्यशाला से बिजली उपभोक्ताआें को लाभ होने की उम्मीद जताई।
जलापूर्ति योजना को सौर ऊर्जा के माध्यम से मिलेगी बिजली
मंच पर जे.एम. लांजेवार, जिजोबा पारधी, मनीष वाठ, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स नागपुर शाखा के सचिव मिलिंद पाठक, पॉवरग्रिड के कार्यकारी संचालक वी.के. खरे, ग्रेस जेम्स, दीपक वाइकर, नंदिता दास आदि उपस्थित थे। कार्यशाला में 45 संस्थाएं शामिल हुई हैं। इस मौके पर खासतौर से ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आने वाला समय अपारंपारिक ऊर्जा का है। अपारंपरिक ऊर्जा पर संशोधन करने से रेट में कमी आएगी। लोगों को भी कम रेट में बिजली मिल सकेगी।
Created On :   11 March 2018 5:09 PM IST