उच्च न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी, हाईकोर्ट और मनपा से पशु प्रेमी संगठन नाराज 

Animal lover organization angry with High Court and Municipality
उच्च न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी, हाईकोर्ट और मनपा से पशु प्रेमी संगठन नाराज 
श्वानों के खाने पर बंदी का मामला उच्च न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी, हाईकोर्ट और मनपा से पशु प्रेमी संगठन नाराज 

डिजिटल डेस्क, नागपुर. हाईकोर्ट ने आवारा श्वानों को खुले में खाना देने पर बंदी लगाई है। मनपा ने भी इस संबंध में आदेश जारी किया है। इस आदेश से पशु प्रेमी और संगठनों में नाराजगी है। पशु प्रेमी संगठन इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं। पशु प्रेमियों का कहना है कि, यदि आवारा श्वानों को खाना नहीं दिया जाएगा, तो वे भूख से मर जाएंगे। मनपा समय रहते श्वानों की जन्मदर नियंत्रित करने के लिए कदम उठाती, तो यह नौबत नहीं आती। ऐसे में अब शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में डॉग शेल्टर होम बनाकर उनके खाने की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। 

डॉग शेल्टर होम में खाना नहीं दिया जाता

शहर में करीब एक लाख से ज्यादा आवारा श्वान हैं। हाईकोर्ट और अब मनपा के आदेश के बाद इन्हें सार्वजनिक जगहों पर खाना नहीं दिया जाएगा। ऐसा करने पर 200 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। खाना देना है, तो उन्हें गोद लेने के बारे में मनपा में पंजीयन करना होगा। इन नियमों से संगठनों में नाराजगी है। फिलहाल मनपा के पास कोई व्यवस्था नहीं है। इन्हें पकड़कर भांडेवाड़ी स्थित डॉग शेल्टर होम में रखा जाता है, लेकिन वहां खाना नहीं दिया जाता है। आकार फाउंडेशन नामक एनजीओ इसकी व्यवस्था करता है। विशेष यह कि, मनपा ने जब से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने की सख्ती की है, तब से लोगों ने आवारा श्वानों के लिए खुले में खाना डालना भी बंद कर दिया है। जिस कारण वे कचराघर के आस-पास भोजन तलाशते रहते हैं। कुछ लोग नियमित रूप से श्वानों को बिस्किट, खाना खिलाते हैं, लेकिन अब नहीं दें सकेंगे। इससे दिक्कतें बढ़ेंगी। 

खाना नहीं मिला तो मर जाएंगे
सभी श्वानों के लिए मनपा व्यवस्था करे। इनके लिए शहर में शेल्टम होम बनाए। उन्हें खाना नहीं मिला, तो वे मर जाएंगे। श्वानों की जन्मदर नियंत्रित करने का यह तरीका योग्य नहीं है। यह गंभीर मामला है। 
- अपर्णा रेड्डी, पशु प्रेमी 

खाना नहीं मिलने पर हिंसक हो जाएंगे 

आवारा श्वान खाना नहीं मिलने पर हिंसक हो सकते हैं। इन सभी को गोद लेना संभव नहीं है। आवारा श्वान एक जगह पर रहने की बजाए वे घूमते रहते हैं। यह एक तरफा निर्णय ठीक नहीं है। इसे चुनौती दी जाएगी।  

-रीना सिंह, अध्यक्ष आकार फाउंडेशन
 

 

Created On :   30 Oct 2022 8:50 PM IST

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