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अन्वय नाईक आत्महत्या मामला : आरोपपत्र को चुनौती देने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार अर्णब गोस्वामी को इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाईक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दायर किए गए आरोपपत्र को चुनौती देने की अनुमति दे दी है। इससे पहले गोस्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कोर्ट को बताया कि पुलिस की ओर से साल 2018 के इस मामले को लेकर अलीबाग कोर्ट में दायर आरोपपत्र का संज्ञान ले लिया है। इसलिए उन्हें इस प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र को चुनौती देने की अनुमति मांगी। जो न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने प्रदान कर दी और गोस्वामी को शीघ्रता से आरोपपत्र की प्रति देने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने अब मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2021 को रखी है। पिछले दिनों पुलिस ने इस मामले को लेकर अलीबाग की मैजिस्ट्रेट कोर्ट में गोस्वामी सहित तीन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
गौरतलब है कि गोस्वामी ने इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच पुलिस ने आरोपपत्र दायर कर दिया। इसके बाद गोस्वामी ने निचली अदालत को आरोपपत्र का संज्ञान लेने से रोकने के विषय में आवेदन दायर किया था। चूंकी अब मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र का संज्ञान ले लिया है इसलिए गोस्वामी ने आरोपपत्र को चुनौती देने की अनुमति मांगी। पुलिस ने गोस्वामी को इस मामले में 4 नवंबर 2020 को मुंबई स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया था इसलिए गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी को जमानत प्रदान की थी।
Created On :   16 Dec 2020 8:30 PM IST