उद्योगपति सिद्धार्थ पटेल सहित 29 के खिलाफ जमानती वारंट , मामला नकली वसीयत का 

Arrest warrants against 29 in case of mohanlal hargovind das firm
उद्योगपति सिद्धार्थ पटेल सहित 29 के खिलाफ जमानती वारंट , मामला नकली वसीयत का 
उद्योगपति सिद्धार्थ पटेल सहित 29 के खिलाफ जमानती वारंट , मामला नकली वसीयत का 

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिला अदालत ने मोहन लाल हरगोविंददास फर्म से जुड़ी 8 कंपनियों में फर्जीवाड़े को लेकर दायर प्रकरण पर सिद्धार्थ पटेल, उनके पुत्र आदित्य व कनिष्ठ पटेल सहित 29 लोगों के खिलाफ पांच-पांच हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शाही ने मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को नियत की है। नीना बेन पटेल और गौतम पटेल की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि अनावेदकों ने स्व. परमानंद भाई पटेल की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए साजिश रची। साजिश के तहत 1986 में तैयार की गई असली वसीयत को दबाकर वर्ष 1991 में नकली वसीयत तैयार कराई गई। वर्ष 1994 में परमानंद भाई पटेल के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खाते का दुरुपयोग किया गया। प्रकरण में कहा गया कि 1986 में तैयार की गई मूल वसीयत में नीना बेन पटेल और गौतम पटेल के अधिकार सुरक्षित थे, लेकिन फर्जी वसीयत के जरिए उन्हें संपत्ति से बेदखल कर दिया गया। इस षड्यंत्र में सिद्धार्थ पटेल, उनके पुत्र सहित अन्य अनावेदक शामिल थे। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने 29 अनावेदकों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।

फर्जी दस्तावेज से फिर बेची जमीन

एक जमीन के  फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसका दोबारा  सौदा कर जालसाजों ने  6 लाख रुपये हड़प लिए। शिकायत की जाँच के आधार पर विजय नगर पुलिस ने जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मछली मार्केट निवासी अभय सोनकर उम्र 35 वर्ष ने बताया कि उसे नसरुद्दीन व दीपक मिश्रा ने खमरिया में रकबा 0.590 हेक्टेयर भूमि को अपने साझेदारी की होना बताया था। उसे बताया गया कि दीपक को अपनी बहन की शादी करना है, इसलिए जमीन को सस्ते दामों में बेच रहे हैं। उसे जमीन खरीदनी थी, इसलिए उसने जमीन का सौदा 6 लाख रुपए में तय किया और विजय नगर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्टर्ड इकरारनामा किया था। सौदा करने बाद उसे  जानकारी लगी कि दीपक मिश्रा  22 जुलाई 2016 को उक्त जमीन की रजिस्ट्री प्रेमचंद यादव को कर चुका था और जमीन का नामांतरण नहीं हुआ था। उसके उपरांत 12 अगस्त 2016 को दोबारा खसरा नक्शा अपने नाम का बताकर रजिस्टर्ड इकरारनामा कर 6 लाख रुपये ले लिये थे।  पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।  अनुबंध अवधि पूरी होने पर रजिस्ट्री कराने का कहने पर टालमटोल करते रहे। बार-बार कहने पर 2 लाख 16 हजार रुपये वापस किये। बाकी रकम माँगने पर उसे धमकाया जा रहा है। शिकायत पर धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश की जा रही है। 
 

Created On :   23 July 2019 8:42 AM GMT

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