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27 को केजरीवाल का नागपुर दौरा, विकास मॉडल से होंगे रुबरु

डिजिटल डेस्क,नागपुर। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 27 व 28 जनवरी को नागपुर दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि विकास का मॉडल देखने के लिए केजरीवाल नागपुर आ रहे हैं। केजरीवाल के इस दौरे को उनके दल के कार्यकर्ता भले ही सामान्य मान रहे हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस दौरे को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। अहम सवाल यह कि केजरीवाल को विकास की झलक देखने के लिए नागपुर को ही क्याें चुनना पड़ा? उनके नागपुर दौरे का लक्ष्य कुछ और तो नहीं है। खास बात यह है कि दिल्ली में आप के 20 विधायकों के निलंबन के बाद केजरीवाल नागपुर दौरे पर आ रहे हैं। वे शहर में चल रहे विविध विकास प्रकल्पों की जानकारी लेंगे। इनमें मेट्रो, रेलवे, स्मार्ट सिटी उपक्रम व स्वच्छता मुहिम शामिल है। विमानतल पर ई-चार्जिंग, इलेक्ट्रिक टैक्सी व शहर में चौबीस बाय सात जलापूर्ति योजना की जानकारी लेंगे।
गडकरी के रहे हैं विरोधी
भ्रष्टाचार के मामले को लेकर केजरीवाल भाजपा व कांग्रेस के कुछ नेताओं के विरोधी रहे हैं। उनमें भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी प्रमुखता से शामिल रहे हैं। गडकरी भाजपा के अध्यक्ष थे, तब केजरीवाल ने उनके विरोध में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाये थे। विरोध इतना था कि नागपुर लोकसभा क्षेत्र में गडकरी को चुनौती देने के लिए केजरीवाल ने अंजलि दमानिया को भेजा था। केजरीवाल ने नागपुर में चुनाव सभा व अन्य बैठकों में भी गडकरी के विरोध में ही जमकर आरोप लगाये थे। फिलहाल नागपुर के विकास प्रकल्पों में सबसे अधिक योगदान गडकरी का माना जाता है। ऐसे में गडकरी के प्रयासों से साकार हो रहे प्रकल्पों को विकास का मॉडल के तौर पर देखने के लिए केजरीवाल का नागपुर दौरा बदलती राजनीतिक स्थिति का संकेत दे सकता है। माना जा सकता है कि गडकरी व केजरीवाल के बीच पहले जो राजनीतिक स्थिति थी, वैसी अब नहीं है। गडकरी के कार्योंं की सराहना भी केजरीवाल कर सकते हैं।
दो दिन पहले ही आये थे आशुतोष
दो दिन पहले ही आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष नागपुर आए थे। उन्होंने अाम आदमी पार्टी के विधायकों के निलंबन को लेकर चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री कार्यालय का लेटर बाक्स होने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को लेकर आम आदमी पार्टी आरंभ से ही असंतोष जताती रही है। भाजपा में भी मोदी की कार्यशैली पर अंदरुनी असंतोष देखा जा सकता है। मोदी की कार्यशैली का विरोध करते हुए गांेदिया के सांसद नाना पटोले सांसद व भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। कहा जा रहा है कि पटोले भाजपा में मोदी व फडणवीस विरोधी कार्यकर्ताओं की आवाज बने थे। केजरीवाल के दौरे के बारे में यह भी कहा जा सकता है कि वे महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति की जानकारी लेने यहां आ रहे हैं।

Created On :   24 Jan 2018 1:27 PM IST