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15 जून से हड़ताल पर आशा वर्कर, सरकार से सिर्फ आश्वान मिलने से हैं नाराज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आशा वर्कर तथा गटप्रवर्तकों की मांगों पर सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। कोविड-19 में उनकी सेवा का संज्ञान लेकर शासकीय सेवा में समावेश करने की मांग को लेकर 15 जून से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी आशा वर्कर व गट प्रवर्तक कर्मचारी यूनियन सीआईटीयू के अध्यक्ष राजेंद्र साठे ने दी। साठे ने बताया कि कोविड संकटकाल में आशा वर्कर ने जान की परवाह किए बिना सेवा दी। राज्य सरकार ने गत वर्ष आशा वर्कर को 2 हजार और गटप्रवर्तकों को 3 हजार रुपए अतिरिक्त देने का आश्वासन दिया था। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में उनके लिए फूटी कौड़ी का प्रावधान नहीं किया है। अल्प मेहनताना और बगैर सुरक्षा संसाधनों के उनसे 8 घंटे काम कराया जा रहा है। उनकी मांगों को नजरअंदाज किए जाने से अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। शहर में 955 आशा वर्कर तथा गटप्रवर्तक हैं। सभी हड़ताल में शामिल होने का साठे ने दावा किया है।
कई जिम्मेदारी निभा रहीं आशासेविकाएं
आशा वर्कर और गटप्रवर्तकों पर गर्भवती माता व बालकों के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा है। प्रसूति होने तक सेवा देने पर जेएसवाई नियमावली अंतर्गत उन्हें लाभ नहीं मिलता। कोविड कालावधि में संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण, पॉजिटिव मरीजों का टेम्प्रेचर, ऑक्सीजन लेवल की जांच, दवा पहुंचाने तथा स्वास्थ्य रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह हैं मांगें
शासकीय सेवा में समावेश।
कोविड सेवा में मृतकों के परिजनों को 50 लाख अनुदान।
10 लाख रुपए का जीवन बीमा।
शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सेवा, सुविधा।
आंगनवाड़ी सेविकाओं का धरना आंदोलन
उमरेड में शुक्रवार को आंगनवाडी सेविकाओं ने अपनी विविध मांगों को लेकर धरना आंदोलन किया। जिसका नेतृत्व आयटक नेता श्याम काले ने किया। बाल विकास प्रकल्प अधिकारी ईश्वर लखोटे को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में विविध मांगों के विषय में जानकारी दी गई है। आंदोलन में सुरेखा पवार, शीला लोखंडे, शीला भोयर, शारदा गेंडेकर, नलिनी काले, प्रीति पायक, कालिंदा मेघरे, मनीषा गायकवाड़ आदि उपस्थित थे।
Created On :   13 Jun 2021 5:08 PM IST