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केंद्रीय मंत्री आठवले की मांग - बंद में शामिल दलित कार्यकर्ताओं के खिलाफ न हो कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरपीआई के अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा के विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद में शामिल आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई न करे। सोमवार कोआठवले ने कहा कि आंदोलकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 395 के तहत दर्ज किए गए मामले अनावश्यक है। कई जगहों पर 100 से अधिक लोगों के खिलाफ पुलिस ने 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा पुलिस ने आंदोलन में शामिल जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनसे मारपीट करने की शिकायतें मिल रही हैं। आठवले ने कहा कि पुलिस आंदोलनकारियों पर अन्यायकारक कार्रवाई न करे। इसके लिए आरपीआई का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेगा।
बंद में शामिल दलित कार्यकर्ताओं के खिलाफ न हो कार्रवाई
आठवले ने कहा कि पुलिस को आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है पर उनसे मारपीट नहीं करना चाहिए। इस बीच आठवले ने दावा किया कि औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के नामांतर स्थापना दिवस पर आयोजित पार्टी की सभा शांतिपूर्ण तरीके से हुई। वहां पर कोई हंगामा नहीं हुआ। आठवले ने कहा कि सभा के दौरान समता सैनिक दल के कुछ लोगों ने घोषणाबाजी की थी। उनके दो प्रतिनिधियों से मैंने बाद में मंच पर चर्चा की। जिसके बाद वे लोग चले गए। इस दौरान आठवले ने कहा कि मैं रिपब्लिकन एकता के लिए हमेशा से तैयार हूं, लेकिन भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर एकता के लिए तैयार नहीं है।
ये है मामला
आपको बतादें, पुणे के कोरेगांव भीमा में 1 जनवरी को हुए दंगे के आरोप में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से तीन आरोपी नाबालिग बताए गए थे। मराठा अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध की 200वीं बरसीं के दिन कोरेंगाव में दंगा हुआ था। 3 जनवरी को महाराष्ट्र में बंद का एलान किया गया था। बाद में गांव वालों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कुछ असामाजिक तत्वों ने बाहर से आकर यह दंगा फैलाने का आरोप लगाया था और सरकार को इसे इसके लिए जिम्मेदार बताया था।
Created On :   16 Jan 2018 12:16 PM GMT