कांग्रेस के गढ़ को भेदने और बचाने की कवायद शुरू -छिंदवाड़ा में अमित शाह के करीबियों का जमघट

attempt to squeeze and save the fort of Congress begins in chhindwara
कांग्रेस के गढ़ को भेदने और बचाने की कवायद शुरू -छिंदवाड़ा में अमित शाह के करीबियों का जमघट
कांग्रेस के गढ़ को भेदने और बचाने की कवायद शुरू -छिंदवाड़ा में अमित शाह के करीबियों का जमघट

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मिशन-2018 के साथ-साथ लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक बिसात बिछानी शुरूकर दी है। अमित शाह के बयान के बाद साफ हो गया था कि विधानसभा की तरह लोकसभा में भी भाजपा इस बार छिंदवाड़ा में पूरे दम के साथ मैदान में उतरने वाली है। पिछले छह महीने में अचानक बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियंा उसी की तैयारी मानी जा रही है। मौके की नजाकत को भांपते कांग्रेस ने भी भाजपा के हिंदुत्व के ट्रम्प कार्डÓ को तोडऩे पूरा जोर लगा दिया है। जिस तरह धार्मिक आयोजनों के जरिए भाजपा जनता के बीच जाती है। उसी फार्मूले के आधार पर कांग्रेस भी जगह-जगह ऐसे आयोजन कर रही है। राष्ट्रीय संतों से लेकर अपनी-अपनी पार्टी के कद्दावर नेताओं को छिंदवाड़ा में लाने की कोशिश की जा रही है। 

छिंदवाड़ा टारगेट में क्यों... 
पिछले लोकसभा चुनावों के बाद से ही छिंदवाड़ा पर भाजपा हाईकमान की नजर है। पूरे देश में मोदी लहर होने के बावजूद छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। पूरे देश में 300 से ज्यादा सीट जीतने वाली भाजपा एक लाख से ज्यादा वोटों से छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव हार गई थी। 

ऐसे समझिए कांग्रेस-भाजपा की तैयारियां 

अमित शाह के करीबियों का छिंदवाड़ा में जमघट 
स्वतंत्र देव सिंह: यूपी के कद्दावर नेता और अमित शाह के करीबी माने जाने वाले स्वतंत्र देव सिंह को छिंदवाड़ा संगठन की कमान सौंपी गई। उन्हें चुनावी मैनेजमेंट के लिए अभी से तैयार किया जा रहा है। 

प्रकाश जावडेकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर को छिंदवाड़ा का प्रभारी बनाया गया। ताकि भाजपा कमलनाथ जैसे कद्दावर नेता से मुकाबला कर सकें। 

संघ की सक्रियता: छिंदवाड़ा में संंघ पदाधिकारियों ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। साफ संकेत है कि लोकसभा में इस बार चौतरफा वार कांग्रेस पर किया जाएगा। जिसमें संघ पदाधिकारियों की भी अहम् भूमिका होगी। 

महाकौशल से प्रदेशाध्यक्ष: इस बार भाजपा ने प्रदेश संगठन की कमान भी जबलपुर सांसद राकेश सिंह को सौंपी है। इससे पूरे महाकौशल में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी। इसका असर छिंदवाड़ा में भी साफ तौर पर देखने को मिलेगा। 

कमलनाथ के धुआंधार दौरे 
34 साल में पहली बार: कांग्रेस और सांसद कमलनाथ के इतिहास में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि  हर महीने सांसद कमलनाथ का छिंदवाड़ा दौरा हो रहा है। चुनाव के पहले हर गांव में पहुंचने की कोशिश सांसद कर रहे हैं। 

बूथ प्लॉनिंग: कांग्रेस भी इस बार भाजपा की तर्ज पर बूथ प्लॉनिंग तैयार कर रही है। हर उस मतदान केंद्र और वार्ड का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। जहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वहां वोटों के अंतर की गणना की जा रही है। 

अनुशांगिक संगठन: कांग्रेस अनुशांगिक संगठनों को अभी से सक्रिय कर दिया गया है। हर संगठन पदाधिकारियों को बैठकों का टारगेट दिया गया है कि जिसकी बकायदा समीक्षा की जा रही है। अध्यक्षों से फीडबैक मांगा जा रहा है। 

इनका छिंदवाड़ा आगमन रहा सुर्खियों में 
- हाल ही में कांग्रेस ने राष्ट्रीय संत मोरारी बापू का प्रवचन कराया। कहा जा रहा है कि 2022 तक मोरारी बापू की डेट न होने के बाद भी एक दिन के प्रवचन के लिए उन्हें स्पेशली बुलाया गया।  
- आरएसएस चीफ मोहन भागवत का भी छिंदवाड़ा आगमन हो रहा है। वे छिंदवाड़ा के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के अलावा छिंदवाड़ा संघ कार्यालय में भी बैठक करेंगे।

Created On :   23 April 2018 8:08 AM GMT

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