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आतिशबाजी के बीच हुआ ‘शिवपुत्र संभाजी’ का राज्याभिषेक, इतिहास से रूबरू हो रहे शहरवासी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानाट्य ‘शिवपुत्र संभाजी’ जितना नाटक के रूप में लोगों द्वारा पसंद किया जा रहा है, उतना ही उसका 130 फीट का भव्य मंच भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महानाट्य में ऊंट, हाथी, घोड़े का प्रदर्शन बच्चों को खूब भा रहा है। पूरा मैदान संभाजी के राज्याभिषेक के दौरान उनकी जय-जयकार से गूंज उठता है। आसमान पटाखों की रोशनी से नहा उठता है। शहर में ऐतिहासिक महानाट्य का मंचन पिछले कुछ दिनों से रेशमबाग मैदान में किया जा रहा है। क्रिसमस की छुट्टियों व वीक एंड के चलते बच्चे भी महानाट्य देखने के लिए पहुंच रहे हैं। इसका मंचन माध्यम लोकसेवा प्रतिष्ठान, नागपुर व मोहन मते मित्र परिवार द्वारा किया गया है। जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
ऐसी प्रस्तुतियां होनी चाहिए
महानाट्य की वैसे तो कई विशेषताएं हैं जो लोगों में जिज्ञासा पैदा कर रहा है। महानाट्य के दौरान 18 फीट के जहाज की प्रतिकृति जनता के बीच से लाई जाती है। महानाट्य का प्रसंग भारतीय इतिहास से जुड़ा होने के कारण लोगों को इतिहास से परिचित होने का मौका भी मिल रहा है। इसके पहले ‘जाणता राजा’ महानाट्य का मंचन शहर में किया गया था। उसमें भी इतनी ही भव्यता थी, जितनी की संभाजी में है। शहर में इस तरह के आयोजन होने चाहिए। इससे बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं, साथ ही नॉलेज भी बढ़ता है।
-नीरज मेश्राम, दर्शक
डॉ. अमोल कोल्हे को सामने से देखना चाहता था
हमने अभी तक डॉ. अमोल कोल्हे को टीवी में देखा था। महानाट्य के कारण उन्हें रियल में देखने का मौका मिला। संभाजी का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है। इसके साथ ही अन्य पात्रों ने भी अपनी-अपनी भूमिकाएं बहुत ही बढ़िया की हैं। इसमें रियल के जानवर भी हैं। इस स्तर का नाटक शहर में बहुत कम होता है। शहरवासियों को इतिहास की जानकारी भी मिलती है। सभी पात्रों ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों का मन मोह लिया है।
- शैलजा देठे, दर्शक
Created On :   28 Dec 2018 3:30 PM IST