शुभ घड़ी : गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से, 27 को माघ पूर्णिमा

Auspicious moment: Gupta Navratri from 12 February, Magha Purnima on 27th
शुभ घड़ी : गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से, 27 को माघ पूर्णिमा
शुभ घड़ी : गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से, 27 को माघ पूर्णिमा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फरवरी अपने साथ कई व्रत और त्योहार लेकर आया है। इस दौरान गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू होगी। वसंत पंचमी 16 फरवरी और माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को मनाई जाएगी। 16 फरवरी को अबूझ मुहूर्त में युगल सात फेरे लेंगे। कई व्रत भी इसी महीने हैं। ज्योतिर्विद के अनुसार हिंदू धर्म में कई शुभ तिथियों का महत्व है। इन तिथियों को पूजा, जप, तप, व्रत और वैदिक कर्मों के अलावा कई शुभ कार्यों के लिए मानते हैं।

11 फरवरी : मौनी अमावस्या

माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघ या मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मनुष्य को मौन रहकर व्रत करना चाहिए। इससे उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है। गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय व कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। माघ में स्नान का सबसे खास दिन अमावस्या है। इसी दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

16 फरवरी : वसंत पंचमी

माघ महीने में ही वसंत पंचमी मनाई जाती है। इसे श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती पूजा का विशेष महत्व। इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से विवाह और शुभ कार्य भी होंगे। ऐसा मानते हैं वसंत पंचमी आते ही ठंड का समापन होने लगता है और वसंत ऋतु का आगमन होता है। इसी दिन विवाह के अबूझ मुहूर्त भी हैं। शहर में कुछ शादियां भी इस दिन होंगी।
23 फरवरी : जया एकादशी
ज्योतिर्विद के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। पूजा में भगवान को पुष्प, जल, अक्षत, रोली अर्पित करना चाहिए। यह व्रत बहुत पुण्यदायी होता है। मान्यता है इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता।
 
{9 फरवरी भौम प्रदोष व्रत
{10 फरवरी मासिक शिवरात्रि
{12 फरवरी माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ
{15 फरवरी गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी
{19 फरवरी अचला सप्तमी
{20 फरवरी भीष्म अष्टमी
{21 फरवरी गुप्त नवरात्रि समापन
{24 फरवरी प्रदोष व्रत
{27 फरवरी : गुरु रविदास जयंती

पंचांग के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक-आध्यात्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान, जप करना फलदायी रहता है। स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है। प्रयाग में त्रिवेणी स्नान करने की यह अंतिम तिथि है। माघ स्नान करने वाले मनुष्य पर भगवान माधव प्रसन्न होकर उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।

 

Created On :   8 Feb 2021 4:25 PM IST

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