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RTO तय करेगा ओला और उबेर का रेट, परिवहन मंत्री ने दिया आश्वासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ओला-उबेर का रेट अब आरटीओ तय करेगा। मंगलवार को ऑटोरिक्शा चालक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री दिवाकर रावते से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद मंत्री ने यह आश्वासन दिया। दूसरी तरफ कोतवालों का मोर्चा अपनी विविध मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने की बात पर अड़ा हुआ था। देर शाम तक उनका प्रदर्शन जारी रहा।
कानून बनाने का मिला आश्वासन
विदर्भ ऑटोरिक्शा चालक महासंघ का मोर्चा महासंघ के अध्यक्ष हरीशचंद्र पवार और महासचिव भरत लांडगे के नेतृत्व में निकला था। एलआईसी चौक में मोर्चे ने विविध मांगों को लेकर तीव्र प्रदर्शन किया। नारेबाजी कर सरकारी नीतियों का विरोध किया। दिन भर चले प्रदर्शन के बीच मोर्चे के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री दिवाकर रावते से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। परिवहन मंत्री ने सकारात्मक चर्चा करते हुए उनकी तीन मांगों को जायज ठहराया और मान्य करने का आश्वासन दिया है। परिवहन मंत्री ने भरोसा दिलाया कि ओला और उबेर मीटर से चलेंगे। इसके लिए कानून बनाया जाएगा। वर्तमान में ओला, उबेर जीपीएस आॅनलाइन प्रणाली से चलते हैं। फिलहाल ओला, उबेर के लिए कानूनी रूप से कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। ओला, उबेर को मीटर लगाने के बाद आरटीओ के दिशा-निर्देश और रेट से चलने होंगे। ऑटो की तरह उनके लिए भी ड्रेस कोड की सख्ती करने की मांग की गई है।
कोतवाल संघ ने निकाला मोर्चा : महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति का मोर्चा समिति के अध्यक्ष उत्तमराव गवई के नेतृत्व में निकाला गया। मोर्चे में महिला और पुरुष प्रदर्शनकारी शामिल हुए। मोर्चे के नेताओं ने मांगों को लेकर सरकार को जमकर कोसा। प्रदर्शनकारी अपनी मांग रखने के लिए मुख्यमंत्री को मोर्चा स्थल पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। दरअसल मोर्चा हर सत्र में अपनी मांगों को लेकर हाजिरी लगाते आ रहा है, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला, जिससे प्रदर्शनकारी मांगों को लेकर आक्रामक थे। देर शाम तक उनका प्रदर्शन जारी था।
ये हैं प्रमुुख मांगें
समाज कल्याण बोर्ड का तत्काल गठन करें (आेला, उबेर बंद करें ) बढ़ाया गया इंश्योरेंस प्रिमियम कम करें )सीजीएसटी कम करें
घरकुल योजना लागू करें (ई-रिक्शा बंद करें )अनुसूचित जाति-जमाति व अन्य मागासवर्गियों का परमिट शुल्क कम करें।
कोतवाल को चतुर्थ श्रेणी का दर्जा दें, सेवानिवृत्त काेतवाल को तीन हजार पेंशन दें और कोतवालों का शोषण रोकें। यह तीन मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं
Created On :   13 Dec 2017 12:57 PM IST