बाघिन अवनि प्रकरण:  दिल्ली की एक्टिविस्ट ने कहा- कानून का कई बार हुआ उल्लंघन

Avni Case: activist said: Law violation happened several times
बाघिन अवनि प्रकरण:  दिल्ली की एक्टिविस्ट ने कहा- कानून का कई बार हुआ उल्लंघन
बाघिन अवनि प्रकरण:  दिल्ली की एक्टिविस्ट ने कहा- कानून का कई बार हुआ उल्लंघन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाघिन अवनि प्रकरण का मामला अब और तूल पकड़ने लगा है। दिल्ली की एक्टिविस्ट ने वन विभाग पर आरोप लगाए हैं। इस मामले में कई बार कानून का उल्लंघन हुआ है। अवनि हत्या मामले में शूटरों की राइफल नहीं जमा करने के कारण जांच पूरी नहीं होने और इस मामले में  वन विभाग के अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए व्हिसल ब्लोअर संगीता डोगरा ने कहा कि, अवनि केस में अब तक कई बार कानून का उल्लंघन हो चुका है, जिसे मीडिया लगातार उठाती रही है। यहां तक कि, पीओआर दर्ज करने की प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया।

मामले में सिर्फ एक नंबर 1183/18 दर्ज है, जबकि इसमें विस्तार से सभी जानकारी दी जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि, मामले से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त संबंधित फाइलों का अध्ययन करने पर उनमें कई कमियां मिलीं। इसके बारे में उन्होंने वन अधिकारियों को लिखित में सूचित करने का प्रयास किया, लेकिन वन अधिकारी एमडी एफडीसीमए राम बाबू, क्लर्क एच.आई. रंगारी, जे.पी. त्रिपाठी, जीएम वनीकरण, पी.एन. वाघ, डी.एम., एफडीसीएम यवतमाल, वसंत सर्पे, जांच अधिकारी, पीसीसीएफ हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स ने उनकी बात सुनने और समझने में कोई रुचि नहीं दिखाई। 

दुर्व्यवहार का आरोप
दिल्ली की एक्टिविस्ट संगीता डोगरा ने वन विभाग के अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि, मामले की जानकारी लेने वन विभाग के प्रिंसिपल कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट यू.के अग्रवाल पास जाने पर उन्हें पुलिस की मदद से बाहर निकलवा दिया गया। संगीता के अनुसार उन्हें कार्यालय से बाहर निकालने के लिए पांच पुलिस कर्मियों को बुलाया गया। उनमें दो बंदूकधारी थे। उन्होंने कहा कि, मामला एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने जैसा बन चुका है। 

दिल्ली से नागपुर आई हैं संगीता
दिल्ली से विशेष रूप से अवनि को इंसाफ दिलाने नागपुर आईं संगीता डोगरा के अनुसार मामले में वन विभाग तथा प्रशासन जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। स्वभाव से निर्भीक संगीता तायक्वांडो में ब्लैक बेल्ट और एनसीसी की कैडेट रह चुकी हैं और उनकी पृष्ठभूमि सैन्य परिवार से जुड़ी है। उनका कहना है कि, राष्ट्रीय पशु की गैरकानूनी तरीके से हत्या को वह राष्ट्रविरोधी गतिविधि मानती हैं। अवनि के लिए चलाई जा रही  मुहिम के लिए एस-1 फॉर टी-1 का नाम दिया गया है। मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत संगीता केवल अवनि को इंसाफ दिलाने के लिए पूरे एक माह से नागपुर, यवतमाल, मुंबई में केस से संबंधित जानकारियां जुटा रही हैं। 

नियमों का उल्लंघन
संगीता के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने में कई नियमों का उल्लंघन हुआ है। वाइल्ड लाइफ क्राइम इंवेस्टीगेशन के चैप्टर-3 के अनुसार प्रकरण के पंजीकरण के मानक प्रारूप को नहीं अपनाया गया, जिसका जिक्र अनुबंध 3 और 4 में किया गया है, जिसमें अपराध की प्रकृति और कानून की धारा, मामले सरकार की ओर उपलब्ध कराई गई वस्तुएं जैसे सर्च लाइट, कैमरा, ड्रार्ट की पावती रसीद, इसके साथ ही टीम में शामिल सदस्यों की वस्तुएं जैसे मोबाइल, कॉल डिटेल, आईएमआई नंबर अन्य चीजें, अधिकारियों का विवरण, वस्तुओं को खरीदने वाले का नाम नहीं दर्ज किया गया। 

कुछ लोग पाना चाहते हैं सस्ती लोकप्रियता
संगीता डोगरा मेरे कार्यालय में बगैर इजाजत घुसकर असंबंधित प्रश्न पूछ रही थीं। उसे संबंधित अधिकारी से मिलने को कहने पर तमाशा करने की कोशिश करने लगीं। इसलिए पुलिस बुलानी पड़ी। कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कुछ भी करने और दूसरों पर झूठे आरोप लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं। 
-उमेश कुमार अग्रवाल, पीसीसीएफ हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स
 

Created On :   9 Jan 2019 4:03 PM IST

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