ठाकरे परिवार की संपत्ति नहीं है बाला साहेब की तस्वीर, उद्धव के बयान पर शिंदे गुट का पलटवार 

Balasahebs picture is not the property of Thackeray family
ठाकरे परिवार की संपत्ति नहीं है बाला साहेब की तस्वीर, उद्धव के बयान पर शिंदे गुट का पलटवार 
आरोप प्रत्यारोप ठाकरे परिवार की संपत्ति नहीं है बाला साहेब की तस्वीर, उद्धव के बयान पर शिंदे गुट का पलटवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बागी विधायकों द्वारा शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे की तस्वीर का इस्तेमाल न करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान पर शिवसेना के शिंदे गुट ने जवाबी हमला बोला है। शिंदे गुट के प्रवक्ता व विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि बालासाहब पूरे महाराष्ट्र की अस्मिता हैं। इसलिए बालासाहब की तस्वीर ठाकरे परिवार की संपत्ति नहीं हो सकती।

सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में केसरकर ने कहा कि बालासाहब पूरे देश के बारे में सोचते थे। बालासाहब किसी एक परिवार तक सीमित नहीं हो सकते। यदि वह ठाकरे परिवार तक सीमित रहते तो उनके परिवार के दूसरे सदस्य भी उन पर दावा करते। मगर उद्धव के अलावा ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने बालासाहब पर दावा नहीं किया है। एक दिन पहले रविवार को उद्धव ने कहा था कि शिवसेना से टूटे विधायक बालासाहब ठाकरे की तस्वीर का इस्तेमाल न करें। यदि उनमें हिम्मत है तो वे लोग अपने माता-पिता को लेकर राज्यभर में सभा करके उनके नाम पर वोट मांगें। 

केसरकर ने कहा कि शिंदे गुट ने शिवसेना की किसी संपत्ति पर दावा नहीं किया है। बालासाहब ठाकरे ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। केसरकर ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जनादेश मिला था। इसलिए कोई यह दावा नहीं कर सकता है कि जनादेश केवल एक दल को मिला था। केसरकर ने ठाकरे परिवार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है तो अकेले विधानसभा चुनाव लड़कर दिखाइए। फिर पता चल जाएगा कि किसमें कितनी ताकत है। 

भाजपा के साथ गठबंधन कर निकाय चुनाव लड़ेगा शिंदे गुट

केसरकर ने कहा कि आगामी स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा और शिंदे गुट गठबंधन करके चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि  शिंदे गुट ने भारत निर्वाचन आयोग से ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिन्ह मांगा है। यदि धनुष-बाण चिन्ह नहीं मिला तो कोई दूसरा चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ा जाएगा। 

सकारात्मक नजरिए से देखा जाए पाटील का बयान 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के दिल पर पत्थर रखकर शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने वाले बयान पर केसरकर ने कहा कि पाटील के बयान को सकारात्मक नजरिए से देखा जाना चाहिए। उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा था कि हमने शिंदे को खुशी से मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया है। गठबंधन की राजनीति में थोड़ा नफा और नुकसान होता रहता है। केसरकर ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री न बनने से भाजपा के नेताओं को झटका लगना स्वभाविक है। हमारे लिए भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भी आश्चर्यजनक था। मगर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बालासाहब ठाकरे की इच्छा पूरी की है। 


 

Created On :   25 July 2022 9:06 PM IST

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