असम-त्रिपुरा से लाकर उगाएंगे बम्बूशा टुल्डा बांस, अगरबत्ती और चारकोल के लिए उद्योग स्थापित होगा

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
असम-त्रिपुरा से लाकर उगाएंगे बम्बूशा टुल्डा बांस, अगरबत्ती और चारकोल के लिए उद्योग स्थापित होगा

डिजिटल डेस्क   छिंदवाड़ा। आने वाले वर्षों में सीधे व लंबे बांस की उपलब्धता के साथ ही उनके सह उत्पाद भी जिले में आसानी से मिल पाएंगे। इसका खांका शुक्रवार को भोपाल में खींचा जा चुका है। जिले में बम्बूशा टुल्डा प्रजाति के बांस उगाए जाएंगे। वन विभाग 500 हेक्टेयर में और राजस्व भूमि पर करीब 100 हेक्टेयर में उक्त बांस के पौधे रोपे जाएंगे। असम और त्रिपुरा से बम्बू शा बांस के पौधे लाए जाएंगे। दूसरा अगरबत्ती और चारकोल उद्योग भी स्थापित किए जाएंगे। अगरबत्ती के लिए बांस की काड़ी भी यहीं तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद नकुलनाथ और अमित सक्सेना की मौजूदगी में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में वन विभाग और पंचायत विभाग के प्रमुख सचिवों के अलावा जिले के अधिकारी भी शामिल हुए।
जुलाई में होगा बांस का प्लांटेशन:
खासतौर पर असम में पाई जाने वाली बम्बूशा टुल्डा बांस की प्रजाति का यहां प्लांटेशन जुलाई माह में होगा। वन विभाग 5 सौ हेक्टेयर तो राजस्व भूमि पर उमरेठ के पास सौ हेक्टेयर में बांस रोपे जाएंगे। वन विभाग ने इसके लिए अभी 195 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर रखी है। बाकी जमीन तलाशी जाना है। राजस्व भूमि भी बांस के लिए चिन्हित बताई जा रही है। बांस की खासियत यह कि यह लंबा और सीधा बढ़ता है, इसमें गांठे दूर-दूर होती हैं।
नेर के पास 10 एकड़ में उद्योग का प्लान:
नए साल के पहले माह में ही बांस की काड़ी, अगरबत्ती और चारकोल उद्योग के लिए प्लान तैयार कर स्वीकृति लेने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। नेर के पास करीब 10 एकड़ भूमि पर उद्योग स्थापित किए जाएंगे। राजस्व विभाग इसके लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। 50 प्रगतिशील किसानों का सीएफएस (कॉमन फेसेलिटी सेंटर)  के तहत उद्योग का संचालन होगा।
पुरानी बिल्डिंग सहेजेंगे, मॉडल स्कूल के लिए नया भवन:
कैलाश नगर स्कूल के स्थान पर प्रस्तावित गल्र्स मॉडल स्कूल के लिए जी प्लस थ्री की बिल्डिंग तैयार होगी। 4.56 करोड़ लागत की बिल्डिंग के लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। वहीं पुरानी बिल्डिंग को हेरीटेज के तौर पर सहेजकर रखा जाएगा। बैठक में हार्टिकल्चर कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज बिल्डिंग को लेकर भी लंबी चर्चा हुई। सीएम ने आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखने निर्देशित किया। 

Created On :   28 Dec 2019 9:06 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story