मनपा की ऑनलाइन सभा पर रोक अब प्रत्यक्ष उपस्थित रहेंगे नगरसेवक

Ban on online meeting of Municipal Corporation, now corporators will be present directly
मनपा की ऑनलाइन सभा पर रोक अब प्रत्यक्ष उपस्थित रहेंगे नगरसेवक
नागपुर मनपा की ऑनलाइन सभा पर रोक अब प्रत्यक्ष उपस्थित रहेंगे नगरसेवक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के चलते डेढ़ साल से चल रही ऑनलाइन सभाओं को अब ब्रेक लग गया है। इस महीने से मनपा की सभाओं में नगरसेवक प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य के नगर विकास विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर नगरसवेकों की प्रत्यक्ष उपस्थिति में सभा को लगाया ब्रेक हटा दिया है। मुंढे की कार्यप्रणाली को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव पर लगातार 5 दिन चर्चा चली। सत्तापक्ष और विपक्ष के नगरसेवक मुंढे पर जमकर बरसे। सदन में मुंढे का विरोध और सदन के बाहर समर्थन में विविध संगठनों ने प्रदर्शन किए। दरअसल मार्च 2020 में कोरोना का प्रादुर्भाव बढ़ने पर कोई सभा नहीं हुई। मनपा का पूरा अमला कोरोना नियंत्रण में लगा रहा। संक्रमण की तीव्रता थोड़ी कम होने पर सत्तापक्ष के आग्रह पर जून महीने में विशेष आमसभा बुलाई गई थी।

सभा को लेकर खूब हुई उठा-पटक

महानगरपालिका की विशेष आमसभा 20 जून को सुरेश भट सभागृह में प्रत्यक्ष नगरसेवकों की उपस्थिति में बुलाई गई थी। उसके बाद से इस महीने हाने वाली पहली सभा होगी। कोरोना प्रादुर्भाव के चलते प्रत्यक्ष उपस्थिति में सभा के आयोजन को लेकर जमकर उठा-पटक हुई। तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने सभा रद्द करने का पूरा प्रयास किया। आखिरकार तत्कालीन महापौर संदीप जोशी को राज्य सरकार से सभा को मंजूरी लेने में सफलता हाथ लगी।नगर विकास विभाग ने प्रत्यक्ष उपस्थिति में सभा को अनुमति दी है, लेकिन बैठक व्यवस्था में सामाजिक अंतर का पालन करने की शर्त रखी है। उसी के साथ कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। स्थानीय निकाय प्रशासन को सभा स्थल पर यह व्यवस्था करनी होगी।

आवाज दबाने के आरोप

ऑनलाइन सभा में विपक्ष की आवाज दबाने के लिए म्यूट करने के आरोप लगते रहे। कई बार सदस्य बोलने की अनुमति मांगते रहे, लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा उन्हें नजरअंदाज करने पर असंतोष व्यक्त हुआ।

नेटवर्क कनेक्टिविटी से होते रहे परेशान

ऑनलाइन सभाओं में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या से नगरसेवक परेशान होते रहे। आवाज साफ नहीं सुनाई देने से कई बार नगरसेवक सवाल नहीं रख पाए। नगरसेवकों की आवाज पीठासीन अधिकारी तक नहीं पहुंचने से उनका पक्ष सुनने या समस्या का हल निकालने में दिक्कत आती रही।

Created On :   24 Oct 2021 4:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story