फर्जी लाइसेंस के जरिए नौकरी कर रहा बैंक सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार

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फर्जी लाइसेंस के जरिए नौकरी कर रहा बैंक सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्यप्रदेश के बंदूक के लाइसेंस पर ऑल इंडिया परमिट की फर्जी सील लगाकर एक बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे आरोपी स्वामीप्रसाद रुद्रमणीप्रसाद दुबे (43) को पुलिस ने धरदबोचा। जांच में पता चला कि, लाइसेंस मध्यप्रदेश में बना है और वहीं तक सीमित है। उसने इस लाइसेंस पर ऑल इंडिया परमिट की फर्जी सील लगाकर नागपुर की एक बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी हासिल की थी। करीब 9 साल से वह प्रताप नगर क्षेत्र की  इस बैंक में नौकरी कर रहा था। आरोपी के कमरे की तलाशी लेने पर पलंग के नीचे रखी एक पेटी में एयरगन, 12 बोर की बंदूक के 8 जिंदा कारतूस और देसी कट्टा मिला। पुलिस ने अवैध हथियारों को जब्त कर लिया है। आरोपी स्वामीप्रसाद को अदालत में पेश किया करने पर अदालत ने उसे 3 अगस्त तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है।

कमरे में मिले  एयरगन, 8 जिंदा कारतूस, देसी कट्टा 

पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी क, एक व्यक्ति के पास देसी कट्टा है। वह प्रतापनगर क्षेत्र में एक बैंक में सुरक्षा गार्ड है। उसके पास 12 बोर की बंदूक भी है। गत दिनों पुलिस ने संदेह के आधार पर उसके घर पर छापा मारा। इस दौरान उसके कमरे से पलंग के नीचे पेटी में रखे उक्त हथियार व जिंदा कारतूस जब्त कर लिए। पुलिस ने जब उससे हथियारों के लाइसेंस के बारे में पूछा, तो वह टालमटोल जवाब देने लगा। उसके आर्म्स लाइसेंस की जांच की, तो पता चला कि, वह मध्यप्रदेश से बनाया है। उसने एक ही बंदूक के दो लाइसेंस बना रखे थे। एक लाइसेंस पर मध्यप्रदेश की सील और दूसरे लाइसेंस पर ऑल इंडिया परमिट की सील लगी हुई थी। ऑल इंडिया परमिट की सील वाले लाइसेंस के आधार पर उसने  सुरक्षा गार्ड एजेंसी के मार्फत बैंक में नौकरी हासिल की थी। आरोपी को बजाज नगर थाने में धारा 467, 468, 471, 472, सहधारा 3, 5 (ब), 12, 25 (1) (ब)(ग), 26(2), 135 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।

यह सबकुछ रिश्तेदार के कहने पर किया

स्वामीप्रसाद ने पुलिसिया पूछताछ में बताया कि, उसने यह सबकुछ अपने रिश्तेदार सचिन मिश्रा के कहने पर किया है। पुलिस भी अब यह मान रही है कि, इस घटना का मास्टरमाइंड सचिन मिश्रा है। उसी ने सुरक्षा गार्ड को  फर्जी रबर स्टैंप और अन्य दस्तावेज बनाकर दिए थे। सचिन मिश्रा और फर्जी रबर स्टैंप बनाकर देने वाले आरोपी की तलाश में बजाज नगर थाने की एक टीम मध्यप्रदेश गई थी। सचिन और अन्य आरोपी को स्वामीप्रसाद दुबे की गिरफ्तारी की भनक लगते ही दोनों फरार हो गए। बजाज नगर पुलिस आरोपी स्वामीप्रसाद से पूछताछ कर रही है। 

रीवा के महाराजा के बंगले में कर चुका है नौकरी

पुलिस भी यह जानकार हैरान थी कि, फर्जी सील लगाकर मध्यप्रदेश में बने बंदूक के लाइसेंस पर  9 साल से नौकरी कर रहे  स्वामीप्रसाद दुबे के पास फर्जी लाइसेंस है। यह भनक सुरक्षा गार्ड की एजेंसी संचालक को भी पता नहीं चली। बजाज नगर थाने के हवलदार संजयसिंह ठाकुर ने बताया कि, पूछताछ के स्वामीप्रसाद ने बताया कि, वह रीवा के महाराजा के बंगले पर दो साल नौकरी कर चुका है। नौकरी छूटने के बाद कुछ समय तक रीवा में दूसरी जगह पर एक बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी की। उसके बाद नागपुर में आ गया। नागपुर आने के बाद रामदासपेठ काछीपुरा निवासी गोमतीबाई वर्मा के घर में किराए से रहने लगा। इसी जगह उसकी बेटी और दामाद भी अलग कमरे में किराए से रहते हैं। स्वामीप्रसाद की पत्नी रीवा, मध्यप्रदेश में रहती है। 

पूर्वोत्तर राज्यों से बनाकर लाते हैं फर्जी आर्म्स लाइसेंस

सूत्र बताते हैं कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों में फर्जी आर्म्स लाइसेंस बडी मात्रा में बनाए जाते हैं। इसके पहले भी कुछ ऐसे ही मामले नागपुर में सामने आ चुके हैं। कामठी के एक कुख्यात बदमाश को तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अभिनाशकुमार ने पिस्टल के साथ पकडा था। उसका आर्म्स लाइसेंस गोरखपुर उत्तर प्रदेश से बनाया गया था।  इस प्रकरण की जांच कुछ समय तक चली बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

सुरक्षा एजेंसी बिहार के सांसद की

आरोपी स्वामीप्रसाद दुबे जिस सुरक्षा गार्ड एजेंसी में कार्यरत था, वह सुरक्षा गार्ड एजेंसी बिहार के सांसद व एक्स. मिलिटरी मैन आर.के. सिन्हा की है। पुलिस को इस सुरक्षा गार्ड एजेंसी के नागपुर में कार्यालय का अभी तक पता नहीं मिल पाया है। जिस सुरक्षा गार्ड एजेंसी के मार्फत स्वामीप्रसाद प्रताप नगर की बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी पर लगा था। उस सुरक्षा गार्ड एजेंसी का नाम एसआईएस बताया गया है। इस एजेंसी का कार्यालय दिल्ली में है। इसकी छानबीन शुरू की गई है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, वाकई सुरक्षा गार्ड एजेंसी बिहार के सांसद सिन्हा की है या उनके नाम पर कोई और चला रहा है। इसका कार्यालय दिल्ली में है या नहीं। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि, इस सुरक्षा गार्ड की एजेंसी की नागपुर में कौन देख-रेख कर रहा है। स्वामीप्रसाद दुबे की   गिरफ्तारी के बाद  अभी तक कोई सामने नहीं आया है।

Created On :   3 Aug 2019 3:51 PM IST

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