50 डॉक्टरों की रिटायरमेंट रुकी

barrier in retirement of doctors due to change in new age rules
50 डॉक्टरों की रिटायरमेंट रुकी
50 डॉक्टरों की रिटायरमेंट रुकी

विजय ऋषि, नागपुर। राज्य के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र पर कैबिनेट की बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि 31 मई को 60 वर्ष तक के डॉक्टरों को सेवा से रिटायर्ड न किया जाए, जबकि पूर्व में स्वास्थ्य विभाग की रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष थी। कैबिनेट के निर्णय से राज्यभर में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की रिटायरमेंट को टाल दिया गया है, वहीं नागपुर विभाग में इन डॉक्टरों की संख्या 50 है।

जानकारी के अनुसार,  कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया, हालांकि इस निर्णय पर आधिकारिक परिपत्रक जारी नहीं किया गया है, लेकिन निर्णय के तुरंत बाद सभी को पत्र भेजकर बता दिया गया कि 31 मई 2018 को 60 वर्ष की उम्र तक के डॉक्टराें को रिटायर्ड न किया जाए। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि तकनीकी पहलुओं को समझकर जल्द ही निर्णय परिपत्रक जारी किया जाएगा।

निंबालकर और पातुरकर का निकल चुका था ऑर्डर
नागपुर विभाग में रिटायर्ड होने वाले डॉक्टरों की संख्या 50 है, इसमें 2 सिविल सर्जन भी हैं, जिसमें नागपुर सिविल सर्जन डॉ. हेमंत निंबालकर व गोंदिया के सिविल सर्जन डॉ.देवेन्द्र पातुरकर शामिल हैं। गोंदिया सिविल सर्जन डॉ.पातुरकर का प्रभार देने के लिए आर्डर भी निकल चुका था, लेकिन मंगलवार को कैबिनेट के निर्णय के बाद वह रद्द हो गया। वहीं, नागपुर के सिविल सर्जन डॉ.निंबालकर का प्रभार मंगलवार को दिया जाना था, जो बाद में टाल दिया गया।

उल्लेखनीय है कि रिटायर होने के बाद अधिकांश डाक्टर अपने निजी हास्पिटलों में व्यस्त हो जाते हैं। अनुभवी होने के कारण मरीजों का विश्वास उन पर होता इसलिए वे अच्छी-खासी कमाई भी करते हैं। सरकार ने डाक्टरों के अनुभव का लाभ लेने के लिए भले ही यह निर्णय लिया हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग में पहले ही रिक्त पद पड़े हुए हैं जिसकी भर्ती नहीं हो रही है। कई जगह स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी नर्सों के भरोसे चल रही है। ऐसे में सिविल सर्जन जैसे पद पर रिटायरमेंट पर लिया गया निर्णय चर्चा का विषय बना हुआ है। 

Created On :   31 May 2018 12:03 PM IST

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