सलाखें खोलेंगी पोर्च गिरने का राज, जांच के बाद पता चलेगी वजह, दो की हुई थी मौत

‌Bars will reveal secret of falling visor, after investigation it will be found out
सलाखें खोलेंगी पोर्च गिरने का राज, जांच के बाद पता चलेगी वजह, दो की हुई थी मौत
सलाखें खोलेंगी पोर्च गिरने का राज, जांच के बाद पता चलेगी वजह, दो की हुई थी मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) के टीबी वॉर्ड परिसर स्थित चर्म रोग विभाग के मुख्य द्वार का पोर्च गिरने का मामला गर्माया है। जिसे लेकर शनिवार सुबह 11 बजे मौके पर टीम पहुंची, जिसने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के साथ बिल्डिंग और छज्जे के मलबे का निरीक्षण किया। छज्जे के मलबे की कांक्रीट तोड़कर उसके अंदर की सलाखों को जांच के लिए निकाला गया। विश्वेश्वरय्या राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) के विशेषज्ञों की टीम जांच के लिए ले जाई गईं सलाखों से छज्जा गिरने का राज निकालेगा। आखिरकार छज्जा एक साथ पूरा क्यों गिरा? यह एक बड़ा सवाल इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि शनिवार को छज्जे के अन्य हिस्से को तोड़कर सरिया निकालने में छेनी-हथौड़ा और मशीन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मेडिकल के टीबी वॉर्ड परिसर स्थित चर्मरोग विभाग का छज्जा गिर गया था, जिसमें अस्पताल में भर्ती देवनाथ रामचंद बागडे (67) और वनीता सुधाकर वाघमारे (36) की मौत हो गई थी। परेशानी की बात यह भी है कि विभाग के अलावा अन्य अधिकारियों को कभी भी उसमें कोई दरार तक दिखाई नहींं दी। इस वजह से कयास लगाया जा रहा है कि जोड़ कमजोर होने पर वह सीधा ही होगा। बिल्डिंग और छज्जे के जोड़ को लेकर सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि छज्जा टूटने के बाद बिल्डिंग और छज्जे को जोड़ने वाले सरिया बाहर की ओर क्यों नहीं िदखाई दे रहे है। चर्म रोग विभाग की बिल्डिंग सिर्फ 1986 में बनी थी सिर्फ 33 साल पुरानी होने की वजह से उसका स्ट्रक्चरल ऑडिट भी नहीं हुआ था।

खंगाला जा रहा नक्शा

वहीं बिल्डिंग का नक्शा खंगाला जा रहा है जिससे मालूम चल सके कि छज्जा कब और किस तकनीक से बनाया गया था। वहीं उससे छज्जा गिरने का अंदाजा भी लगाया जाएगा। अब तक पीडब्ल्यूडी को बिल्डिंग की ड्राईंग मिली है जिसमें बिल्डिंग कैसी बनने वाली है कि जानकारी है।

 

मेडिकल हादसा : जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज

इससे पहले पोर्च ढहने के मामले में गंभीर खुलासा हुआ था। निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई। बिना पिलर के पोर्च बनाया गया। पोर्च जर्जर होने के बावजूद संबंधित  विभाग के अधिकारियों ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, जिससे यह भीषण हादसा हुआ है। हादसे में मरीज देवनाथ रामचंद्र बागडे (66) पंचशील नगर सावनेर और वनिता सुधाकर वाघमारे (36) वर्ष भांडेवाड़ी निवासी की मौत हो गई है। पोर्च गिरने की घटना गुरुवार की शाम करीब 5.15 बजे हुई। दोनों पोर्च के नीचे खड़े थे, तभी उसकी चपेट में आ गए। घटना में एक महिला मामूली रूप से घायल हो गई। संबंधित लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अभी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। शुरुआती दौर में प्रकरण को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया था, लेकिन जांच के दौरान निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने का खुलासा हुआ, हालांकि अब इसकी असल वजह जानने को लेकर जांच की जा रही है।

Created On :   14 Dec 2019 5:15 PM IST

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