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ध्यान रखें - धूम्रपान को ना, टीकाकरण को हां, कसरत जरूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग और स्कूल ऑफ फिजियोथेरेपी द्वारा शनिवार को वर्ल्ड लंग्स डे मनाया गया। इस अवसर पर "माई फिट लंग्स" मुहिम शुरू की गई है। कार्यक्रम में फेफड़ों को सुरक्षित रखने के संबंध में बताया गया। इसके अलावा सामान्य जनता को जागरुक करने का आह्वान किया गया। धूम्रपान को ना, टीकाकरण को हां, प्रदूषण को ना और कसरत को हां इन विषयों के बारे में बताया जाएगा। अभियान साल भर चलेगा। डॉक्टरों ने बताया कि दुनिया में 80 लाख लाख लोग हर साल फेफड़ों की बीमारी से मरते हैं। धूम्रपान के कारण 4 हजार से अधिक प्रकार के घातक तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इससे कैंसर होता है। धूम्रपान छोड़ने पर केवल 20 मिनट में हृदय की गति सामान्य होती है। 2 से 12 हफ्ते में फेफड़ों की रक्तसंचरण क्षमता बढ़ती है। टीकाकरण के कारण शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। टीकाकरण से फेफड़े मजबूत होते हैं। इससे कोरोना व अन्य सामान्य व संक्रामक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख मौत होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी के फेफड़ों पर इसका असर होता है। नियमित कसरत करने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। हृदय व फेफड़े मजबूत होते हैं। फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या होने पर संबंधित विभाग के डॉक्टरों द्वारा उनका शंका समाधान किया जाएगा। ऐसा भी बताया गया।
कल से हत्तीरोग उन्मूलन जांच
वहीं जिले में सोमवार 27 सितंबर से हत्तीरोग उन्मूलन जांच मुहिम शुरू होगी। घर-घर जाकर जांच करने के निर्देश जिलाधीश विमला आर. द्वारा प्रशासन को दिए गए। जिले में हत्तीरोग रोगियों की संख्या कम हो रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक हत्तीरोग उन्मूलन का लक्ष्य पूरा करने के लिए आईडीए पद्धति से औषधोपचार किया जा रहा है। मुहिम का मूल्यमापन संक्रमण जांच सर्वेक्षण द्वारा 27 से 30 सितंबर तक किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिले के लिए आठ हजार विशेष एफटीएस सेट दिए हैं। इसके अलावा 52 लाख 23 हजार 860 सेट से चयनित गांवों के 6 से 7 साल के बच्चों के रक्त की जांच करनी है। रक्त नमूना लेने के बाद 10 मिनट में रिपोर्ट मिलेगी। नागपुर शहर में दो व ग्रामीण में दो विभाग बनाए गए हैं। हर टीम में एक वैद्यकीय अधिकारी, प्रयोगशाला तकनीशियन, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, शिक्षक व दो आशा वर्कर शामिल हैं। मुहिम को सफल बनाने के लिए तहसील वैद्यकीय अधिकारी, प्रयोगशाला तकनीशियन, स्वास्थ्य सहायक, स्वास्थ्य सेवकों को हाल ही में नुकतेच आबासाहब खेडकर सभागृह में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रमुखता से स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. संजय जयस्वाल, सहायक संचालक, डॉ. निमगडे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर, अति. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीमती मेश्राम, डॉ. सालवे, जिला समन्वय डॉ. भाग्यश्री त्रिवेदी, डॉ. राहुल गायकवाड़, जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती चारमोडे, राष्ट्रीय हत्तीरोग नियंत्रण टीम के सदस्य उपस्थित थे।
Created On :   26 Sept 2021 3:31 PM IST