नए प्रकार के कोरोना संक्रमण और दूसरी लहर से निपटने के लिए तैयार रहें

Be prepared to deal with new types of corona infection and second wave
नए प्रकार के कोरोना संक्रमण और दूसरी लहर से निपटने के लिए तैयार रहें
नए प्रकार के कोरोना संक्रमण और दूसरी लहर से निपटने के लिए तैयार रहें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार और प्रशासन को कोरोना वायरस के नए प्रकार और दूसरी लहर से निपटने की तैयारी रखने के आदेश दिए हैं। चंद्रपुर में चिकित्सा सेवाओं की कमी के मुद्दे पर केंद्रित पूर्व सांसद  नरेश पुगलिया की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही थी। जिसमें कोर्ट के आदेश के अनुसार चंद्रपुर जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त हाजिर हुए। हाईकोर्ट ने उन्हें चंद्रपुर के अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा मांगा। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन इस याचिका को नकारात्मक ढंग से न लें। हमें मिलजुल कर इस महामारी से निपटना होगा। इसके लिए दोनों विभाग एकजुट होकर योजना बनाएं। फिलहाल कोरोना वायरस के नए प्रकार की पुष्टि हुई है, दूसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है। बेहतर है कि हम इसके लिए पहले से तैयार रहें। चंद्रपुर शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकारी अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने का मुद्दा इस जनहित याचिका में उठाया गया है।

जांच के लिए पर्याप्त सुविधा

याचिकाकर्ता की प्रार्थना है कि हाईकोर्ट राज्य सरकार को अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने का आदेश जारी करें। याचिकाकर्ता के अनुसार शहर के अस्पतालों में पर्याप्त मनुष्यबल नहीं है। कोरोना जांच के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। कोरोना मरीज होम आयसोलेनशन में रहने की जगह घूमते नजर आते हैं, जिस पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं है। ऐसे विविध मुद्दों को लेकर यह याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा। एड. सौरभ भेंडे ने उन्हें सहकार्य किया। 

इसलिए हाजिर हुए अधिकारी

प्रकरण में 7 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने चंद्रपुर मनपा और जिलाधिकारी को शपथपत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। लेकिन जिलाधिकारी ने कोई शपथपत्र दायर नहीं किया। इधर मनपा की ओर से उपायुक्त ने शपथपत्र दायर किया, लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान पता चला कि मनपा ने उन्हें शपथपत्र प्रस्तुत करने की कोई अनुमति नहीं दी थी। उलट हाईकोर्ट को मनपा आयुक्त से शपथपत्र चाहिए था। उपायुक्त के शपथपत्र में भी कोर्ट द्वारा मांगी गई कई जानकारियां नहीं थीं। इस पर सख्ती दिखाते हुए हाईकोर्ट ने प्रशासन को फटकारा और  सुनवाई में जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त को हाजिर होने के आदेश दिए थे। 

Created On :   22 Dec 2020 11:15 AM GMT

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