- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- परिवार का साथ होने से हर मुश्किल...
परिवार का साथ होने से हर मुश्किल आसान हो जाती है
भास्कर संवाददाता | नागपुर
हमारे जीवन में परिवार की काफी अहमियत होती है। इसी अहमियत को बताने के लिए 15 मई को हर साल विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है। कोरोनाकाल से तो परिवार की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि इस कठिन समय में परिवार ही एक-दूसरे के काम आ रहे हैं। जब परिवार के सदस्य एक साथ होते हैं, तो हर कठिनाई का सामना आसानी से किया जा सकता है। परिवार ही हमें अकेलेपन से बचाता है। ‘इंटरनेशनल-डे ऑफ दी फैमिली’ के अवसर पर दैनिक भास्कर ने कुछ परिवारों से चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि परिवार का साथ हर मुश्किल को आसान बना देता है।
यह है इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 दिसंबर 1989 के 44/82 के प्रस्ताव में परिवारों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष की घोषणा की। इसके बाद साल 1993 में महासभा द्वारा एक संकल्प में हर साल विश्व परिवार दिवस 15 मई को मनाने का फैसला किया गया, तभी से हर साल 15 मई इस दिन को मनाया जाता है। इसके पीछे यह सोच है कि दुनिया भर के लोगों को उनके परिवारों से जोड़े रखने और परिवार से जुड़े मुद्दों पर समाज में जागरूकता फैले। साथ ही युवाओं को परिवार के प्रति जागरूक करना और उन्हें परिवार के होने के बारे में बताना है।
दिगंबर चावरे, इतवारी के मुताबिक सुख और दु:ख धूप-छांव जैसे होते हैं। हर व्यक्ति को सुख के साथ दु:ख भी झेलना भी पड़ता है। हमारे परिवार के हर सदस्य हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोगों को एकल परिवार में रहना पसंद है, लेकिन संयुक्त परिवार में रहने की बात ही अलग है। मुझे बहुत खुशी है कि हमारा संयुक्त परिवार है। परिवार के किसी भी सदस्य को बंधन नहीं है, लेकिन हर कोई अपनी सीमा जानता है। चाहे बड़े हों या छोटे, नियम सभी के लिए समान हैं। अपने घर के आंगन में पोते-पोतियों की िकलकारी सुनता हूं, तो अच्छा लगता है।
गोविंद वैराले, धंतोली के मुताबिक जहां परिवार की बात हो, वहां उतार-चढ़ाव होते ही हैं। हमारे परिवार में भी कई बार ऐसा मौका आया, जब उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। परिस्थिति के आगे किसी ने हार नहीं मानी। हर छोटी सी छोटी खुशी में परिवार का हर सदस्य शामिल होता है। संयुक्त परिवार में रहने के लिए बहुत सारे फायदे हैं। बच्चो को दादा-दादी का प्यार और संस्कार मिलता है। माता-पिता को बुढ़ापे की चिंता नहीं होती है। संयुक्त परिवार में रहने से सारी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
Created On :   15 May 2022 5:43 PM IST