भेंडवल की भविष्यवाणी: बरसात होगी सामान्य ,आर्थिक संकट से उबरेगा देश

Bhandavals prediction:rain will be normal,India will prevail over economic crisis
भेंडवल की भविष्यवाणी: बरसात होगी सामान्य ,आर्थिक संकट से उबरेगा देश
भेंडवल की भविष्यवाणी: बरसात होगी सामान्य ,आर्थिक संकट से उबरेगा देश

डिजिटल डेस्क,जलगांव जामोद (बुलढाणा)। देश इस साल आर्थिक संकट से बाहर निकलेगा। फसल की स्थिति सामान्य रहेगी। आगामी मृग नक्षत्र में जून माह में कम वर्षा, जुलाई में जून माह से अधिक तथा अगस्त में सामान्य वर्षा होगी। सितंबर में अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान होगा। ये भविष्यवाणी तहसील के ग्राम भेंडवल में घट रचना (प्रतीकात्मक चिह्न) के अध्ययन के दौरान गुरुवार की सुबह चंद्रभान महाराज के वंशज पुंजाजी महाराज वाघ और उनके सहयोगी सारंगधर पाटील महाराज ने किसानों के समक्ष की।

विदर्भ की प्रमुख नकद फसल कपास इस साल अनिश्चित सामान्य बताई गई है। घट में अंबाड़ी बरकरार रहने से कुलदेवता का प्रकोप नहीं रहेगा। खरीफ फसल में ज्वार की पैदावार अच्छी रहेगी। इस समय रचित घट में ज्वार का एकदाना बाहर जाने से दामों में तेजी रहेगी। 

खरीफ मौसम भी सामान्य रहेगा
तुअर, उड़द, तिल, बाजरी मठ, वटाना, गेहूं, चना की फसलें सामान्य रहेंगी। मूंग का एकदाना घट (प्रतीकात्मक चिह्न)के बाहर जाने से दामों में तेजी आ सकती है। इसी तरह जवस का एक दाना घट (प्रतीकात्मक चिह्न) के अंदर जाने से नुकसान हो सकता है। गेहूं की फसल से रबी मौसम के बारे में अनुमान लगाया जाता है। घट  (प्रतीकात्मक चिह्न) में गेहूं कायम होने से रबी की फसल सामान्य रहेगी। 

सुरक्षा का प्रतीक 
घट (प्रतीकात्मक चिह्न)में करडी को सुरक्षा व्यवस्था का प्रतीक माना जाता है। घट (प्रतीकात्मक चिह्न) में करडी कायम होने से देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रहेगी। मसूर को शत्रु का प्रतीक माना जाता है। मसूर मध्य में रहने से शत्रुओं से तकलीफ नहीं रहेगी, देश को घुसपैठ एवं युध्द से कोई खतरा नहीं। घट (प्रतीकात्मक चिह्न)में रखी करंजी कायम रहने से देश का आर्थिक संकट समाप्त होगा। घट(प्रतीकात्मक चिह्न) में सुपारी कायम है, लेकिन पानबीड़ा कुछ सूखी अवस्था में होने से राजा बरकरार है, लेकिन राजनीतिक संकट का सामना राजा को करना पड़ेगा। घट (प्रतीकात्मक चिह्न)में सांडोली- कुरडयी कायम रहने से मवेशियों के लिए चारा-पानी उपलब्ध रहेगा। जलाशय तथा समुद्र में पानी की स्थिति अच्छी रहेगी। 

ऐसे होती है घट रचना  
अक्षय तृतीया की शाम के समय पुंजाजी महाराज, सारंगधर महाराज अपने अनुयाइयों के साथ चंद्रभान महाराज की जय-जयकार करते हुए तय खेत में जाते हैं। उस जगह मिट्टी का गोल घट बनाकर मध्य में एक गड्ढा करते हैं। इसमें बरसात के चार माह के प्रतीक के तौर पर मिटटी के चार ढेले रखते हैं। जिस पर गगरी रखी जाती है। इस गगरी पर पापड़, पूरी, सांडोली, करंजी, चावल और बड़ा जैसे खाद्यपदार्थों की रचना की जाती है। गड्ढे में गागर की बगल में राजा और उसकी गादी अर्थात पान-सुपारी रखी जाती है।

मिट्टी के घट में गोलाकार पद्धति से अंबाड़ी, गेहूं, ज्वारी, बाजरी, कपास, मूंग, उड़द, करडी, चावल जवस, तिल, मसूर चना, वटाणा आदि 18 प्रकार के अनाज की प्रतीकात्मक रचना की जाती है। अनाज एवं खाद्यपदार्थ का इस्तेमाल कर इस घट रचना में हुए परिवर्तन के आधार पर दूसरे दिन सुबह निरीक्षण करने के बाद भविष्यवाणी की जाती है।

Created On :   20 April 2018 12:19 PM IST

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